ऊर्जा संरक्षण का नियम
भौतिकी और रसायन विज्ञान का नियम / From Wikipedia, the free encyclopedia
उर्जा बचाने या उर्जा संरक्षण (Energy conservation) के उपायों आदि के लिये देखें - उर्जा संरक्षण
उर्जा संरक्षण का नियम (law of conservation of energy) भौतिकी का एक प्रयोगाधारित नियम (empirical law) है।
इसके अनुसार
- किसी अयुक्त निकाय (isolated system) की कुल उर्जा समय के साथ नियत रहती है। अर्थात् उर्जा का न तो निर्माण सम्भव है न ही विनाश; केवल इसका रूप बदला जा सकता है। उदाहरण के लिये गतिज उर्जा, स्थितिज उर्जा में बदल सकती है; विद्युत उर्जा, ऊष्मीय ऊर्जा में बदल सकती है; यांत्रिक कार्य से ऊष्मा उत्पन्न हो सकती है। अर्थात् ऊर्जा अविनाशी है।
उष्मागतिकी का प्रथम नियम भी वास्तव में उर्जा संरक्षण के नियम का एक परिवर्तित रूप है।