कोक
उच्च कार्बन सामग्री और कुछ अशुद्धियों के साथ ग्रे, कठोर और छिद्रपूर्ण ईंधन / From Wikipedia, the free encyclopedia
कोक कोयले से तैयार किया जानेवाला ठोस ईंधन। यह कम राख वाले, कम सल्फरयुक्त, बिटुमिनस कोयले के प्रभंजक आसवन (destructive distillation) से प्राप्त होता है। सब प्रकार के कोयले कोक के लिये उपयुक्त नहीं होते। जो कोयला गरम करने से कोमल हो जाए और फिर न्यूनाधिक ठोस पिंड में बदल जाए उसे कोक बननेवाला कोयला कहा जाता है। जो कोयला गरम करने से चूर चूर हो जाय अथवा दुर्बलता से चिपका हुआ जिसका पिंड बने, वह कोयला कोक के लिये अनुपयुक्त समझा जाता है। अच्छे कोक का बनना कोयले की कोशिकाओं, उसमें उपस्थित गंधक एवं राख की मात्रा, भट्ठी के ताप तथा अन्य परिस्थितियों आदि पर निर्भर करता है। कभी कभी विभिन्न किस्म के कोयलों के मिलाकर गरम करने से अच्छा कोक बनता है।
उत्तम कोक बननेवाले कोयले में विभिन्न अवयवों की मात्रा इस प्रकार होनी चाहिए :
(१) जल ४ प्रतिशत से अधिक न हो;
(२) राख की मात्रा सूखे कोयले के भार का नौ प्रतिशत से अधिक न रहे;
- 1. राख का द्रवणांक २,२०० सें० से नीचा न रहे।
- 2. धातुनिर्माण के निमित्त सूखे कोयले में गंधक की मात्रा १ प्रतिशत से अधिक और भट्ठी में प्रयुक्त होनेवाले सूखे कोयले में उसकी मात्रा १.३ प्रतिशत से और गैस निर्माण के कोक में १.५ प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।