कोयंबतूर
भारत में तमिलनाडु में स्थित एक शहर विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
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कोयम्बतूर (Coimbatore) या कोयंबुत्तूर भारत के तमिल नाडु राज्य के कोयम्बतूर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2]
कोयम्बतूर Coimbatore கோயம்புத்தூர் | |
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निर्देशांक: 11.0183°N 76.9725°E | |
ज़िला | कोयम्बतूर ज़िला |
प्रान्त | तमिल नाडु |
देश | भारत |
क्षेत्रफल | |
• शहर | 246.75 किमी2 (95.27 वर्गमील) |
• महानगर | 642.12 किमी2 (247.92 वर्गमील) |
ऊँचाई | 411 मी (1,348 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• शहर | 16,01,438 |
• महानगर | 21,36,916 |
भाषा | |
• प्रचलित | तमिल |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 641XXX |
दूरभाष कोड | +91-422 |
वाहन पंजीकरण | TN 37 (दक्षिण), TN 38 (उत्तर), TN 66 (मध्य), TN 99 (पश्चिम) |
वेबसाइट | www |
कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमा पर बसा शहर मुख्य रूप से एक औद्योगिक नगरी है। शहर रेल और सड़क और वायु मार्ग से अच्छी तरह पूरे भारत से जुड़ा है। कोयंबुत्तूर एक महत्वपूर्ण औद्योगिक शहर है। दक्षिण भारत के मैनचेस्टर के नाम से प्रसिद्ध कोयंबुत्तूर एक प्रमुख कपड़ा उत्पादन केंद्र है। नीलगिरी की तराई में स्थित यह शहर पूरे साल सुहावने मौसम का अहसास कराता है। दक्षिण से नीलगिरी की यात्रा करने वाले पर्यटक कोयंबुत्तूर को आधार शिविर की तरह प्रयोग करते हैं। कपड़ा उत्पादन कारखानों के अतिरिक्त भी यहां बहुत कुछ है जहां सैलानी घूम-फिर सकते हैं। यहां का जैविक उद्यान, कृषि विश्वविद्यालय संग्रहालय और वीओसी पार्क विशेष रूप से पर्यटकों को आकर्षित करता है। कोयंबुत्तूर में बहुत सारे मंदिर भी हैं जो इस शहर के महत्त्व को और भी बढ़ाते हैं।
वीओसी पार्क कोयंबटूर का मुख्य आकर्षण है। इस उद्यान का नाम मशहूर स्वतंत्रता सैनानी वी.ओ. चिदंबरम के नाम पर पड़ा। यूं तो यह पार्क सभी आयु वर्ग के लोगों को पसंद आता है लेकिन बच्चों को यह उद्यान खास तौर से लुभाता है। यहां पर एक एक्वेरियम भी है जहां विभिन्न प्रजातियों की मछलियों को देखा जा सकता हैं। इसके अलावा यहां एक छोटा चिड़ियाघर और टॉय ट्रेन भी है जिनका आनंद उठाया जा सकता है।
तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय कोयंबटूर के रोचक पर्यटक स्थलों में से एक है। रेलवे स्टेशन से पांच किलोमीटर दूर स्थित यह विश्वविद्यालय एशिया के सर्वश्रेष्ठ कृषि विश्वविद्यालयों में से एक है। यहां का मुख्य आकर्षण यहां का जैविक उद्यान है। करीब 300 हैक्टेयर में फैले इस उद्यान में विविध प्रजाति के पेड़-पौधों का अच्छा संग्रह है।
पेरुर कोयंबटूर से 6 किलोमीटर दूर स्थित एक छोटा सा शहर है। इसका मुख्य आकर्षण पेरुर मंदिर है जो सात कोंगु शिवालयम में से एक है। मंदिर की बाहरी इमारत मदुरै के शासकों ने 17वीं शताब्दी में बनवाई थी लेकिन अंदर का मुख्य मंदिर उससे काफी पुराना है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर के प्रवेश द्वार के पास स्तंभ के नीचे उकेरी गई एक सैनिक की प्रतिमा यहां का मुख्य आकर्षण है। इस सिपाही की वर्दी औरंगजेब के सैनिकों के समान है।
कोयंबटूर रेलवे स्टेशन से 12 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर भगवान सुब्रमण्यम को समर्पित है। यह मंदिर इस क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इसकी प्रसिद्धि का मुख्य कारण इस मंदिर के मुख्य देवता दंडयुथपाणी हैं। इनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने यहां कई चमत्कार किए थे। थाई पूसम और तिरुकर्तीगई उत्सव यहां बहुत धूम-धाम से मनाए जाते हैं।
शहर से 37 किलोमीटर दूर स्थित है सिरुवनी जलप्रपात और बांध। इनकी खूबसूरती से यहां आने वाले दर्शक मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रहते। इसी सुंदरता के कारण प्रतिवर्ष सैकड़ों पर्यटक यहां घूमने आते हैं। सिरुवनी के पानी का भी अलग ही स्वाद है। इसलिए यहां आने पर इसे जरूर चखना चाहिए।
पोल्लाची के पास स्थित अन्नामलई वन्यजीव अभयारण्य कोयंबटूर से कुछ दूरी पर स्थित एक रोमांचक स्थान है। समुद्र तल से 1400 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह अभयारण्य विभिन्न प्रकार के जानवरों और पक्षियों का घर है। इनमें से कुछ प्रमुख जीव और पक्षी हैं- हाथी, गौर, बाघ, चीता, भालू, भेड़िया, रॉकेट टेल ड्रॉन्गो, बुलबुल, काले सिर वाला पीलक, बतख और हरा कबूतर। अन्नामलई के अमरावती सरोवर में बड़ी संख्या में मगरमच्छ भी देखे जा सकते हैं।
अन्नामलई अभयारण्य में कई ऐसी खूबसूरत जगहें भी हैं जो प्रकृति से रूबरू कराती हैं जैसे करैन्शोला, अनैकुंती शोला, हरे-भरे पहाड़, झरने, बांध और सरोवर। यहां आकर प्रकृति को करीब से जानने का मौका मिलता है।
उदुमपेट से 20 किलोमीटर दूर पलानी-कोयंबटूर राजमार्ग पर तिरुमूर्ति मंदिर स्थित है। यह मंदिर तिरुमूर्ति पहाड़ी के नीचे तिरुमूर्ति बांध के पास है। एक बारामासी जलधारा श्री अमरलिंगेश्वर मंदिर के पास बहती है। पास ही स्थित एक झरना इस स्थान की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है। यहां से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर अमरावती बांध के पास क्रोकोडाइल फार्म है जिसकी सैर भी की जा सकती है।
कोयंबटूर हवाई अड्डा शहर से 12 किलोमीटर दूर है और मुंबई, चेन्नई और कोजीकोड से जुड़ा हुआ है।
कोयंबटूर शहर में दो रेलवे स्टेशन हैं जिनमें से कोयंबटूर जंक्शन मुख्य स्टेशन है। कई महत्वपूर्ण ट्रेनें इस शहर से होकर गुजरती हैं। इनमें से कुछ हैं- त्रिवेंद्रम-नई दिल्ली केरल एक्सप्रेस, त्रिवेंद्रम-निजामुद्दीन एक्सप्रेस, कोयंबटूर-निजामुद्दीन कोंगु एक्सप्रेस, चेन्नई-कोयंबटूर इंटरसिटी एक्सप्रेस आदि।
सड़क मार्ग के जरिए कोयंबटूर बंगलुरु, चेन्नई, एर्नाकुलम, कोट्टायम, पुदुचेरी, रामेश्वरम और तिरुवनंतपुरम से जुड़ा हुआ है।
कोयंबटूर की 2024 जनसंख्या अब अनुमानित 3,083,721 है। 1950 में कोयंबटूर की जनसंख्या 279,492 थी। भारत की जनगणना की अनंतिम रिपोर्ट के अनुसार, 2011 में कोयंबटूर की जनसंख्या 1,050,721 है। [3]
यहां 25,000 से अधिक छोटे, मध्यम, बड़े पैमाने के उद्योग और कपड़ा मिलें स्थित हैं। कोयंबटूर फाउंड्री और ऑटोमोबाइल उद्योगों, कपड़ा उद्योग के उपकरण, स्पेयर, मोटर पंप सेट, वेट ग्राइंडर और विभिन्न इंजीनियरिंग सामान और सेवाओं के निर्माण के लिए भी प्रसिद्ध है। 1930 में पायकारा फॉल्स से जल विद्युत के विकास के कारण कोयंबटूर में कपास में उछाल आया।[4]
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