गुरु घासीदास
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गुरू घासीदास (1756 – अंतर्ध्यान अज्ञात) छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर जिले के गिरौदपुरी गांव में पिता महंगुदास जी एवं माता अमरौतिन के यहाँ अवतरित हुये थे गुरू घासीदास जी सतनाम धर्म जिसे आम बोल चाल में सतनामी समाज कहा जाता है, के प्रवर्तक थे। गुरूजी ने भंडारपुरी में जहाँ अपने धार्मिक स्थल को संत समाज को प्रमाणित सत्य के शक्ति के साथ दिया था, वहाँ गुरूजी के वंशज आज भी निवासरत है। उन्होंने अपने समय की सामाजिक आर्थिक विषमता, शोषण तथा जातिवाद को समाप्त करके मानव-मानव एक समान का संदेश दिया। इनसे समाज के लोग बहुत ही प्रभावित थे।
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सामान्य तथ्य गुरु घासीदास, जन्म ...
गुरु घासीदास | |
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जन्म |
18 दिसम्बर 1756 गिरौदपुरी, छत्तीसगढ़, भारत |
मौत |
अज्ञात |
कार्यकाल | 1756-1850 |
उत्तराधिकारी | गुरु बालकदास |
धर्म | सतनामी |
जीवनसाथी | सफुरा माता |
बच्चे |
सहोद्रा माता, गुरु अमरदास, गुरु बालकदास |
माता-पिता | महगूंदास, माता अमरौतिन |
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