निर्गुण ब्रह्म
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निर्गुण उपासना पद्धति में ईश्वर के निर्गुण रूप की उपासना की जाती है। हिन्दू ग्रंथ में ईश्वर के निर्गुण और सगुण दोनों रूप और उनके उपासकों के बारे में बताया गया है। निर्गुण ब्रह्म ये मानता है कि ईश्वर अनादि, अनन्त है वह न जन्म लेता है न मरता है,स विचारधारा को मान्यता दी गई है। निर्गुण ब्रम्ह अर्थात् जिसमे कोई गुण न हो परन्तु फिर भी सर्वगुण संपन्न हो ।।