पतञ्जलि
प्राचीन भारत में योगसूत्र के निर्माता / From Wikipedia, the free encyclopedia
पतंजलि प्राचीन भारत के एक मुनि थे जिन्हे संस्कृत के अनेक महत्वपूर्ण ग्रन्थों का रचयिता माना जाता है। इनमें से योगसूत्र उनकी महानतम रचना है जो योगदर्शन का मूलग्रन्थ है। भारतीय साहित्य में पतंजलि द्वारा रचित ३ मुख्य ग्रन्थ मिलते हैं। योगसूत्र, अष्टाध्यायी पर भाष्य और आयुर्वेद पर ग्रन्थ। कुछ विद्वानों का मत है कि ये तीनों ग्रन्थ एक ही व्यक्ति ने लिखे, अन्य की धारणा है कि ये विभिन्न व्यक्तियों की कृतियाँ हैं। पतंजलि ने पाणिनि के अष्टाध्यायी पर अपनी टीका लिखी जिसे महाभाष्य का नाम दिया (महा +भाष्य (समीक्षा, टिप्पणी, विवेचना, आलोचना))। इनका काल कोई २०० ई पू माना जाता है।[1][2][3]