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पुष्यमित्र शुंग
शुंग वंश का संस्थापक / From Wikipedia, the free encyclopedia
पुष्यमित्र शुंग (१८५ – १४९ ई॰पू॰) प्राचीन भारत के शुंग राजवंश के एक राजा थे।[1] वे शुंग साम्राज्य के संस्थापक और प्रथम राजा थे। इससे पहले वे मौर्य साम्राज्य में सेनापति थे। १८५ ईसापूर्व में पुष्यमित्र ने अन्तिम मौर्य सम्राट बृहद्रथ का वध कर स्वयं को राजा उद्घोषित किया।[2] उसके बाद बौद्ध उनके दुश्मन बन गए पुष्यमित्र शुंग ने । शुंग राज्य के शिलालेख पंजाब के जालन्धर में मिले हैं [3]और दिव्यावदान के अनुसार यह राज्य सांग्ला (वर्तमान सियालकोट) तक विस्तृत था। कलिंग का राजा खारवेल था।हाथीगुम्फा अभिलेख से ज्ञात होता है की खारवेल ने मगध पर आक्रमण कर पुष्यमित्र शुंग को पराजित किया था।[4]
पुष्यमित्र शुंग | |
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शुंग साम्राज्य | |
शासनावधि | ल. 185 |
पूर्ववर्ती | बृहद्रथ मौर्य |
उत्तरवर्ती | अग्निमित्र |
जीवनसंगी | देवमला |
संतान | अग्निमित्र |
राजवंश | शुंग साम्राज्य |
पिता | पुष्यधर्मा |
धर्म | वैदिक , बौद्ध |
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महाभाष्य में पतंजलि और पाणिनि की अष्टाध्यायी में पुष्यमित्र शुंग के वर्ण का वर्णन नहीं किया गया है । [5] उज्जैन नगर में अत्रियों की शाखों का निकाय होने के कारण इन्हें अत्रि गौत्रीय भी माना जाता है। हालांकि इनके ब्राम्हण होने पर विवाद है क्योंकि भारत में आजतक ब्राह्मणों का कोई शुंग वंश नहीं पाया गया[6] हैं। चीन में शुंग वंश का जिक्र है[7] जो आज भी है इसलिए कुछ भारतीय विद्वान उन्हें चीन का भी मानते हैं।
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