भाई परमानन्द
भारतीय राजनेता / From Wikipedia, the free encyclopedia
भाई परमानन्द (जन्म: ४ नवम्बर १८७६ - मृत्यु: ८ दिसम्बर १९४७) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रान्तिकारी थे। भाई जी बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे। वे जहाँ आर्यसमाज और वैदिक धर्म के अनन्य प्रचारक थे, वहीं इतिहासकार, साहित्यमनीषी और शिक्षाविद् के रूप में भी उन्होंने ख्याति अर्जित की थी। सरदार भगत सिंह, सुखदेव, पं॰ राम प्रसाद 'बिस्मिल', करतार सिंह सराबा जैसे असंख्य राष्ट्रभक्त युवक उनसे प्रेरणा प्राप्त कर बलि-पथ के राही बने थे।
देशभक्ति, राजनीतिक दृढ़ता तथा स्वतन्त्र विचारक के रूप में भाई जी का नाम सदैव स्मरणीय रहेगा। आपने कठिन तथा संकटपूर्ण स्थितियों का डटकर सामना किया और कभी विचलित नहीं हुए। आपने हिंदी में भारत का इतिहास लिखा है। इतिहास-लेखन में आप राजाओं, युद्धों तथा महापुरुषों के जीवनवृत्तों को ही प्रधानता देने के पक्ष में न थे। आपका स्पष्ट मत था कि इतिहास में जाति की भावनाओं, इच्छाओं, आकांक्षाओं, संस्कृति एवं सभ्यता को भी महत्व दिया जाना चाहिए। आपने अपने जीवन के संस्मरण भी लिखे हैं जो युवकों के लिये आज भी प्रेरणा देने में सक्षम हैं।