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मरूद्यान
रेगिस्तान या अर्ध रेगिस्तानी वातावरण में उपजाऊ क्षेत्र / From Wikipedia, the free encyclopedia
भौगोलिक संदर्भों में मरूद्यान, शाद्वल, मरूद्वीप, किसी मरूस्थल में किसी झरने, चश्मा या जल-स्रोत के आसपास स्थित एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां किसी वनस्पति के उगने के लिए पर्याप्त अनुकूल परिस्थितियां उपलब्ध होती हैं। यदि यह क्षेत्र पर्याप्त रूप से बड़ा हो, तो यह पशुओं और मनुष्यों को भी प्राकृतिक आवास उपलब्ध कराता है।
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मरूस्थलीय इलाकों में मरूद्यानों का हमेशा से व्यापार तथा परिवहन मार्गों के लिए विशेष महत्व का रहा है। पानी एवं खाद्य सामग्री की आपूर्ति के लिए काफिलों का मरूद्यानों से होकर गुज़रना आवश्यक है इसीलिए अधिकतर मामलों में किसी मरूद्यान पर राजनीतिक अथवा सैन्य नियंत्रण का तात्पर्य उस मार्ग पर होने वाले व्यापार पर नियंत्रण से भी है। उदहारण के तौर पर आधुनिक लीबिया में स्थित औजिला, घडामेस एवं कुफ्रा के मरूद्यान कई अवसरों पर सहारा के उत्तर-दक्षिणी एवं पूर्व-पश्चिमी व्यापार के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं।
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मरूद्यान किसी जलस्रोत जैसे कि भूमिगत नदी अथवा आर्टीसियन कूप आदि से निर्मित होते हैं, जहां जल दबाव द्वारा प्राकृतिक रूप से अथवा मानव निर्मित कुओं द्वारा सतह तक पहुंच सकता है। समय समय पर होने वाली वृष्टि भी किसी मरूद्यान के भूमिगत स्रोत को प्राकृतिक को जल उपलब्ध कराती है, जैसे कि टुयात. अभेद्य चट्टान एवं पत्थर के अधःस्तर जल को रोक सकते हैं एवं उसे अवकाशों में बनाये रख सकते हैं; अथवा लम्बे उपसतही दरारों अथवा ज्वालामुखीय बांधो पर पानी जमा हो सकता है जो रिस कर सतह तक आ जाता है। यह जल प्रवासी पक्षियों द्वारा भी प्रयोग में लाया जाता है, जो अपनी बीट के द्वारा बीजों का प्रसार भी करते हैं जिसके फलस्वरूप जलनिकाय के चारों ओर पौधे और वृक्ष उग आते हैं।