युद्धपोत
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युद्धपोत एक ऐसा जलयान है। जिसका निर्माण युद्ध करने के लिए किया गया हो। युद्धपोतों का निर्माण आमतौर पर व्यापारिक जलयानों से पूर्णतया भिन्न रूप से होता है। सशस्त्र होने के साथ ही साथ युद्धपोत की रचना उसको होने वाली क्षति को सहने के लिए भी की जाती है, साथ ही वे व्यापारिक जलयानों की तुलना में अधिक तेज तथा आसानी से मुड़ सकने वाले होते हैं। एक व्यापारिक जलयान के विपरीत, एक युद्धपोत आमतौर पर केवल अपने स्वयं के चालक दल के लिए हथियार, गोला बारूद, तथा आपूर्ति को ढोता है (न कि व्यापारिक माल)। युद्धपोत आमतौर पर नौसेना की सम्पत्ति होते हैं, हालाँकि कभ-कभी कुछ व्यक्तियों अथवा कम्पनियों द्वारा भी इन्हें रखा जाता है।
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युद्ध के समय में, युद्धपोतों और व्यापारिक जहाज़ों के बीच का अन्तर अक्सर अस्पष्ट हो जाता है। युद्ध के समय में व्यापारिक जहाज अक्सर सशस्त्र रहते हैं तथा सहायक युद्धपोतों के रूप में प्रयोग किये जाते हैं, उदाहरण के लिए प्रथम विश्व युद्ध के क्यू-शिप्स तथा द्वितीय विश्व युद्ध के सशस्त्र व्यापारिक क्रूज़र्स। 17वीं शताब्दी तक यह आम था कि व्यापारिक जलयानों को नौसैनिक सेवा में प्रयोग किया जाये तथा यह भी असामान्य नहीं था कि नौसैनिक बेड़े में आधे से अधिक व्यापारिक जलयान शामिल हों। 19वीं सदी में समुद्री डकैतों के खतरे के समाप्त होने तक बड़े व्यापारिक जलयानों, जैसे गैलियंस को सशस्त्र रखना एक आम प्रथा थी। युद्धपोतों का प्रयोग सैन्य टुकड़ियों के वाहक अथवा रसद सामग्री पहुँचाने वाले जलयान के रूप में भी किया जाता था, जैसा कि फ्रांसीसी नौसेना 18वीं सदी में अथवा जापानी नौसेना द्वितीय विश्वयुद्ध के समय करती थीं।