विन्ध्याचल पर्वत शृंखला
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विन्ध्याचल (Vindhyachal) भारत के पश्चिम-मध्य भाग में स्थ्ति प्राचीन गोलाकार पर्वतों की एक पर्वतमाला है। यह कई पेचदार खंडों में बंटी हुई है। ऐतिहासिक रूप से इसे उत्तर भारत और दक्षिण भारत के बीच का विभाजक माना जाता है।[1][2]
सामान्य तथ्य विन्ध्य पर्वतमाला, उच्चतम बिंदु ...
विन्ध्य पर्वतमाला | |
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Vindhyachal, Vindhyas विन्ध्याचल | |
उच्चतम बिंदु | |
ऊँचाई | 1,048 मी॰ (3,438 फीट) |
नामकरण | |
शब्दउत्पत्ति | "बाधक" या "शिकारी" (संस्कृत) |
भूगोल | |
देश | भारत |
राज्य |
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निर्देशांक परास | 23°28′01″N 79°44′24″E |
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भूवैज्ञानिक दृष्टि से विन्ध्याचल एक पर्वतमाला नहीं, बल्कि मध्य भारत की अनेक पर्वतमालाओं का ऐतिहासिक सामूहिक नाम है, जिनमें सतपुड़ा पर्वतमाला भी गिनी जाती है। आधुनिक काल में इसे अक्सर मुख्य रूप से उन्हीं ऊँचाईयों की कागार को माना जाता है जो मध्य प्रदेश राज्य में नर्मदा नदी से उत्तर में उस के समांतर चलती है, हालांकि उस से जुड़ी हुई कुछ अन्य पहाड़िया भी इसमें गिनी जाती हैं। इस परिभाषा में यह पर्वतमाला पश्चिम में गुजरात, उत्तर में उत्तर प्रदेश व बिहार, मध्य में मध्य प्रदेश और पूर्व में छत्तीसगढ़ तक विस्तारित है।[3][4]