वेस्टमिंस्टर की संविधि, १९३१
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वेस्टमिंस्टर की संविधि, वर्ष १९३१ में यूनाइटेड किंगडम की संसद द्वारा पारित एक संसदीय अधिनियम है, जिसके भिन्न संस्करण आज भी कैनडा और ऑस्ट्रेलिया में दोनों देशों में विधान के रूप में स्थापित हैं, इसे न्यूज़ीलैण्ड तथा अन्य पूर्व राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमियों में पूर्ववत कर दिया गया है। इसे ब्रिटिश संसद में ११ दिसंबर १९३१ में पारित किया गया था, और तत्कालीन ब्रिटिश डोमिनियनों में स्वीकृति के बाद तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्य के सरे डोमिनियनों में स्वराज स्थापित कर दिया। अतः इसके पारित होने से ब्रिटिश साम्राज्य के सारे डोमिनियन, स्वाशासित, संप्रभु देश बन गए, साथ ही, मौलिक स्वायत्तता के अलावा, एक ही राजतंत्र को सांझ करने के कारण, यह सरे देश, राजकीय उपादियों और सिंघासन के उत्तराधिकार क्रम में परिवर्तन हेतु एक-दुसरे की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए, इस संविधि द्वारा बाध्य भी है।
अतः, इस विधान ने तमाम डोमिनियनों को बराबर का पद दिया, और बॅल्फोर घोषणा, १९२६ में तमाम राष्ट्रमण्डल प्रदेशों की बराबरी के साथ, एक ही राजसत्ता के प्रति वफ़ादारी रखने की घोषणा को वास्तविक रूप दिया, जिसके कारण सारे डोमिनियन स्वशासित, सार्वभौमिक देश बन गए। वर्त्तमान समय में इसकी सार्थकता इस बात से है, की इसने सारे राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमियों और उनके साँझा राजतंत्र के बीच के सतत संबंध को बरक़रार रखने की नीव राखी थी।[1]