सचेतक कथा
From Wikipedia, the free encyclopedia
एक सचेतक कथा, लोककथा के लहजे में सुनाई गयी वो कहानी है जिसमें इसके श्रोता को किसी खतरे के संबंध में आगाह किया जाता है। मुख्य रूप से किसी सचेतक कथा के तीन भाग होते हैं। पहला भाग में किसी खतरे या वर्जना का वर्णन होता है, जिसमें किसी खतरनाक कार्य, वस्तु या स्थान के बारे में बताया जाता है। दूसरे भाग में उस व्यक्ति के बारे में बताया जाता है जिसने इन खतरों या चेतावनियों की अवहेलना कर उस वर्जित कार्य को किया था। तीसरा भाग उस व्यक्ति के इन वर्जित कार्यों के कारण उसे मिली सजा की दुख:द और हृदयविदारक व्याख्या करता है।