गोपीनाथ कविराज
From Wikipedia, the free encyclopedia
गोपीनाथ कविराज (७ सप्टेंबर, १८८७ - १२ जून, १९७६) हे भारतीय संस्कृत विद्वान, भारतशास्त्रज्ञ आणि तत्त्वज्ञ होते. १९१४ मध्ये प्रथम ग्रंथपाल म्हणून नियुक्त केले गेले, ते १९२३ ते १९३७ या काळात सरकारी संस्कृत महाविद्यालय, वाराणसीचे प्राचार्य होते. त्या काळात ते सरस्वती भावन ग्रंथमाला चे संपादकही होते.
Gopinath Kaviraj (es); গোপীনাথ কবিরাজ (bn); Gopi Nath Kaviraj (fr); ગોપીનાથ કવિરાજ (gu); Гопинатх Кавирадж (ru); गोपीनाथ कविराज (mr); Gopinath Kaviraj (de); Gopinath Kaviraj (ga); ಗೋಪಿನಾಥ್ ಕವಿರಾಜ್ (kn); Gopinath Kaviraj (ro); گوپی ناتھ کوی راج (ur); Gopi Nath Kaviraj (sv); گوپی ناتھ کوی راج (pnb); Gopinath Kaviraj (id); Gopinath Kaviraj (pl); ഗോപിനാഥ് കവിരാജ് (ml); Gopinath Kaviraj (nl); Gopinath Kaviraj (sl); गोपीनाथ कविराज (hi); గోపీనాథ్ కవిరాజ్ (te); ਗੋਪੀਨਾਥ ਕਵੀਰਾਜ (pa); Gopinath Kaviraj (en); Gopinath Kaviraj (eo); Gopi Nath Kaviraj (ca); Gopinath Kaviraj (sq) হিন্দু দার্শনিক (bn); હિન્દુ દાર્શનિક (gu); ഇന്ത്യന് രചയിതാവ് (ml); filósofu indiu (1887–1976) (ast); индийский санскритолог и философ (ru); हिंदू दार्शनिक (hi); హిందూ తత్వవేత్త (te); Hindu philosopher (en); Indiaas filosoof (1887-1976) (nl); ساہتیہ اکادمی اعزاز یافتہ مصنف (ur); Hindu philosopher (en) Mahamohopadhyay Gopinath Kaviraj, Mm. Gopinath Kaviraj (en); महामहोपाध्याय गोपीनाथ कविराज (hi); মহামহোপাধ্যায় গোপীনাথ কবিরাজ, গোপিনাথ কবিরাজ (bn); મહામોહોપાધ્યાય ગોપીનાથ કવિરાજ (gu)
जलद तथ्य स्थानिक भाषेतील नाव, जन्म तारीख ...
माध्यमे अपभारण करा | |||
विकिपीडिया | |||
स्थानिक भाषेतील नाव | গোপীনাথ কবিরাজ | ||
---|---|---|---|
जन्म तारीख | सप्टेंबर ७, इ.स. १८८७ Dhamrai Upazila | ||
मृत्यू तारीख | जून १२, इ.स. १९७६ वाराणसी | ||
नागरिकत्व |
| ||
शिक्षण घेतलेली संस्था | |||
उल्लेखनीय कार्य |
| ||
पुरस्कार |
| ||
|
बंद करा
तांत्रिक वांङमय में शक्तदृष्टी या त्यांच्या तंत्रावरील संशोधन ग्रंथासाठी १९६४ मध्ये त्यांना साहित्य अकादमी तर्फे देण्यात येणारा पुरस्कार मिळाला. त्याच वर्षी त्यांना भारत सरकारच्या पद्मविभूषण पुरस्काराने सन्मानित करण्यात आले.[1] १९७१ मध्ये त्यांना साहित्य अकादमी फेलोशिप बहाल करण्यात आली, जो साहित्य अकादमीने दिला जाणारा सर्वोच्च साहित्यिक सन्मान आहे.[2]