पश्चिम गंग वंश
भारत में प्राचीन कर्नाटक का शासक वंश / From Wikipedia, the free encyclopedia
पश्चिम गंग वंश (३५०-१००० ई.) (कन्नड़: ಪಶ್ಚಿಮ ಗಂಗ ಸಂಸ್ಥಾನ) प्राचीन कर्नाटक का एक राजवंश था। ये पूर्वी गंग वंश से अलग थे। पूर्वी गंग जिन्होंने बाद के वर्षों में ओडिशा पर राज्य किया। आम धारण के अनुसार पश्चिम गंग वंश ने शसन तब संभाला जब पल्लव वंश के पतन उपरांत बहुत से स्वतंत्र शासक उठ खड़े हुए थे। इसका एक कारण समुद्रगुप्त से युद्ध भी रहे थे। इस वंश ने ३५० ई से ५५० ई तक सार्वभौम राज किया था। इनकी राजधानी पहले कोलार रही जो समय के साथ बदल कर आधुनिक युग के मैसूर जिला में कावेरी नदी के तट पर तालकाड स्थानांतरित हो गयी थी।
सामान्य तथ्य
पश्चिम गंग वंश ಪಶ್ಚಿಮ ಗಂಗ ಸಂಸ್ಥಾನ | |||||
साम्राज्य (३५० ई तक पल्लव वंश के अधीन) | |||||
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मुख्य पश्चिमी गंग क्षेत्र | |||||
राजधानी | कोलार, तालकाड | ||||
भाषाएँ | कन्नड़, संस्कृत | ||||
धार्मिक समूह | जैन, हिन्दू | ||||
शासन | Monarchy | ||||
राजा | |||||
- | ३५०-३७० | कोंगणिवर्मन माधव | |||
- | ९८६-९९९ | राचमल्ल पंचम | |||
इतिहास | |||||
- | सबसे पहले गंग लेख | ४०० | |||
- | स्थापित | ३५० | |||
- | अंत | १००० | |||
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