पालीताना मंदिर
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पालीताना मंदिर भारत के गुजरात के भावनगर जिले में पालीताना के पास शत्रुंजय नदी के तट पर शत्रुंजय पर्वत की तलहटी में स्थित जैन धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है।[1] ऐतिहासिक ग्रंथों में इसे काठियावाड़ के पदलिप्टापुर के रूप में भी जाना जाता है। यहां 800 से अधिक छोटे और बड़े मंदिरों के घने संग्रह हैं जिसके कारण पालीताना को "मंदिरों का शहर" कहा जाता है।[2] यह जैन धर्म के अंतर्गत श्वेतांबर परंपरा के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। इन मंदिरों का निर्माण 11वीं शताब्दी के आस पास किया गया था।[3]
शत्रुंजय तीर्थ, पालीताना | |
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पुंडरीकगिरि | |
धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | जैन धर्म |
देवता | ऋषभनाथ |
त्यौहार | महावीर जन्म कल्याणक, कार्तिक पूर्णिमा और फाल्गुन फेरी |
शासी निकाय | आनंदजी कल्याणजी ट्रस्ट |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | पालीताना, भावनगर जिला, गुजरात, भारत |
भौगोलिक निर्देशांक | 21°28′58.8″N 71°47′38.4″E |
आयाम विवरण | |
मंदिर संख्या | 863 |
स्मारक संख्या | 2700 |
अवस्थिति ऊँचाई | 603 मी॰ (1,978 फीट) |
पालीताना स्थल में पहाड़ियों पर लगभग 1000 मंदिर हैं जो ज्यादातर नौ समूहों में फैले हुए हैं, कुछ विशाल मंदिर परिसर हैं और कुछ आकार में छोटे- छोटे मंदिर हैं। जो संगमरमर से निर्मित हैं। परिसर का मुख्य मंदिर जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ को समर्पित है; यह श्वेतांबर मूर्तिपूजक संप्रदाय के लिए सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। आनंदजी कल्याणजी ट्रस्ट के अनुसार 2010 में 400,000 से भी अधिक तीर्थयात्रियों ने इस तीर्थ यात्रा का दौरा किया था।[4]