सप्तमातृका
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हिन्दुओं के शाक्त सम्प्रदाय में सप्तमात्रिरिका का उल्लेख महाशक्ति की सककारी सात देवियों के लिये हुआ है। ये देवियाँ ये हैं- ब्रह्माणी, वैष्णवी, माहेश्वरी, इन्द्राणी, कौमारी, वाराही और चामुण्डा अथवा नारसिंही। इन्हें 'मातृका' या 'मातर' भी कहते हैं।
किसी-किसी सम्प्रदाय में मातृकाओं की संख्या आठ (अष्टमातृका) बतायी गयी है। नेपाल में अष्टमातृकाओं की पूजा होती है। दक्षिण भारत में सप्तमातृकाएँ ही पूजित हैं। कुछ विद्वान उन्हें शैव देवी मानते हैं।
दिसम्बर २०१९ में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण की पुरालेख शाखा ने दक्षिण भारत में अब तक के सबसे पुराने संस्कृत शिलालेख की खोज की है। इस शिलालेख से सप्तमातृका के बारे में जानकारी मिलती है।[1] सप्तमातृका की जानकारी कदम्ब ताम्र प्लेट, प्रारंभिक चालुक्य तथा पूर्वी चालुक्य ताम्र प्लेट से मिलती है।