कोसी नदी तिब्बत, नेपाल आ भारत के बिहार राज्य में बहे वाली एक ठी नदी बा। ई गंगा के सहायक नदी हऽ आ कटिहार जिला में गंगाजी में मिल जाले।
कोसी | |
(सप्तकोसी) | |
नदी | |
भोटे कोसी सूखा के सीजन में, ई कोसी के एगो सहायिका नदी बा। | |
देस | चीन, नेपाल, भारत |
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प्रदेश/क्षेत्र | तिब्बत, पूर्वांचल विकास क्षेत्र, नेपाल, उत्तर-बिचला भारत |
शहर | सुपौल, पुरनिया, कटिहार |
उदगम | सुन कोसी, अरुण आ तामुर मिल के सप्तकोसी बनावे लीं |
- लोकेशन | त्रिबेनी घाट, नेपाल |
मुहाना | गंगा |
- लोकेशन | कुरसेला के नगीच, बिहार, भारत |
लंबाई | 720 किमी (447 मील) |
थाला | 61,000 किमी2 (23,552 वर्ग मील) |
जलनिकास | |
- औसत | 6,981 m3/s (246,532 cu ft/s) monthly[1] |
गंगा आ सहायिका नदी सभ |
कोसी के सप्तकोसी भी कहल जाला जेवन एकरी ऊपरी सात गो धारा के कारन रखाइल नाँव बा। पानी के बहाव के हिसाब से कोसी, घाघरा आ यमुना के बाद गंगा के तीसरी सभसे बड़ सहायक नदी हवे। तराई में पहाड़ से उतरे के बाद ई नदी दुनिया के सभसे बड़ जलोढ़ पंखा बनावे ले। एह में आवे वाली भारी बाढ़ एकरा बेर-बेर रस्ता बदले के कारन एकरा के "बिहार के शोक" के रूप में जानल जाला।
सप्तकोसी नदीके सात ठो सहायक नदी बाडे। महालुंगुर हिमालके
दुधपोखर से उदगम होखेबाला दूधकोसी ओखलढुंगा जिलाके
जयरामघाटमे सुनकोसी नदीमे समाहित होला। सप्तकोसी नदीके
सहायक नदी सभ मे सबसे बडहन आ सबसे लम्बा मानेबाला
तिब्बतसे बहते आबेबाला अरुण नदी संखुवासभा जिलाके किमांथांकासे नेपाल प्रबेश
करेला। सप्तकोसी नदी प्रणालीके सबसे बडहन नदी
तिब्बत आ नेपाल के सिमाना से तकरीबन 100 कि मि भितर से उदगम होके कुभ्मभकर्ण हिमाल के
जल संचित करेवाला अरुण नदी भोजपुर जिलाके पग्नाम कहेवाला जगह मे सुनकोसी
नदीमे मिलेला। सप्तकोसी के सहायक नदी तमोर के उदगमस्थल
कुम्भकर्ण हिमाल ह । त्रिबेणी घाटमे अरुणनदीमे मिललाके बाद
सप्तकोसी नदी बनेला। सप्तकोसी के बार्षिक बहाव क्षमता तकरीबन
1564 घनमिटर प्रतिसेकेंड ह। ई नदी के पानी बिहारके अधिकांस क्षेत्रमे सिचाई तथा पेयजल के बास्ते उपयोग करेला ।
कोसी नदी के कुल लंबाई 720 किमी (450 मील) बा आ एकरे थाला के कुल 74,500 किमी2 (28,800 वर्ग मील) एरिया तिब्बत में, नेपाल में, आ भारतीय राज्य बिहार में पड़े ला।[2][1]
कोसी नदी के थाला (बेसिन भा कैचमेंट एरिया) लगभग छह किसिम के भूबैग्यानिक आ जलवायु वाला बेल्ट सभ में बिस्तार लिहले बा; ऊँचाई 8,000 मी (26,000 फीट) से 95 मी (312 फीट) के बीचा में बाटे आ तिब्बत पठार, हिमालय, हिमालय के मझिली पहाड़ी, महाभारत श्रेणी, शिवालिक से होखत तराई वाला इलाका ले एकर फइलाव बाटे। दूध-कोसी बेसिन में अकेल्ले कुल 36 ग्लेशियर आ 296 ग्लेशियरी झील बाड़ी सऽ।[3]
नदी के बेसिन उत्तरी माथ पर त्सांग पो (ब्रह्मपुत्र) के बेसिन के साथे सीमा बनावे ला, पुरुब में महानंदा के बेसिन के साथे आ दक्खिन में गंगा आ पच्छिमी ओर गंडकी नदी के बेसिन के साथे एकरे बेसिन के बाडर बा; खुद ई गंगा नदी में मिले ले।[4] छतरा गार्ज के ऊपरी हिस्सा में एकर कुल आठ गो सहायिका धारा बाड़ी सऽ:[5]
- तामुर नदी, जेकर थाला 6,053 किमी2 (2,337 वर्ग मील) एरिया वाला पूरबी नेपाल में बा;
- अरुण नदी, के थाला 33,500 किमी2 (12,900 वर्ग मील) एरिया वाला तिब्बत में बा;
- सुन कोशी, 4,285 किमी2 (1,654 वर्ग मील) एरिया के थाला नेपाल में आ एकर सहायिका दूध कोसी, लिखु खोला, तामा कोशी, भोटे कोसी आ इंद्रावती नदी।
ऊपर बतावल तीनों प्रमुख धारा जहाँ मिले लीं ओकरा के त्रिबेनी कहल जाला आ इ नदी नेपाल के सबसे बडहन नदी बाटे। सातगो अलग अलग नदी मिलला से इ नदी के नाँव सप्त कोशी कहाला। चतरा गार्ज के बाद ई कोसी बराज ले बहे ले आ ओकरे बाद गंगा नदी के मैदान में परवेश करे ले। [5]
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