उत्तर प्रदेश में एगो शहर From Wikipedia, the free encyclopedia
गाजीपुर (अंग्रेजी: Ghazipur; हिंदी: ग़ाज़ीपुर ) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में एक ठो शहर बा। एह शहर के अस्थापना मसूद ग़ाज़ी कइले रहलें, अइसन बतावल जाला, हालाँकि कुछ इतिहासकार कहेंले कि ऊ पुरनका गाधिपुरी के नाव बदल दिहलें जेवना के आज गाजीपुर शहर के नाव से जानल जाला।
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गाजीपुर जिला के ज़मानिया शहर के मदन बनारस आ गाजीपुर के लहुरी काशी भी कहल जाला। अंग्रेजी राज में 1820 में इहवां एगो बड़हन अफीम के फैक्टरी खोलल गइले रहे, जहवां अजुओ काम चल रहल बा। गाजीपुर मुगल काल में गुलाब के खेती आ इत्र खातिर मशहूर रहे। इहवां भोजपुरी भाषा बोलल जाला।
पौराणिक मान्यता के हिसाब से गाजीपुर पहिले जंगलिय स्थान रहे अउर त्रेता युग में राजा दशरथ के राज्य के हिस्सा रहे। कहल जाला की ईहे अनजाने में दशरथ श्रवण कुमार के बाण मरले जे से ऊ मर गईले। अपना पाप के प्रायश्चित खातिर राजा दशरथ महादेव के पूजा कइले उ स्थान आज भी महाहर महादेव मंदिर के नाम से मरदह ब्लाक में ह। महर्षि जमदग्नि के आश्रम भी ईहे रहे आज उ जगह के जमानिया कहल जाला, अउर विश्वामित्र के तपस्या गाजीपुर के ही आज के मैनपुर गांव में भंग कईली देवतन के राजा इंद्र के अप्सरा मेनका आके और कण्व ऋषि के आश्रम भी एहिजे रहे उ जगह के करण्डा कहल जाला ए समय, भिरगू ऋषि के शिष्य दरदर जी भी गाजीपुर में ही गंगा नदी के तट पर तपस्या कइले अउर उ स्थान अब ददरीघाट बोलल जाला इहा एकदम किनरवे से गंगा जी बहत बलिया निकल जाली जहवा भिरगू बाबा के आश्रम अबहियों बाटे।
इतिहासी बिमर्ष के हिसाब से, ए शहर के तुगलक वंश के शासन काल में सैय्यद मसूद गाजी बसवले रहलन। बाकी कुछ इतिहासकार लोगन के मुताबिक एह शहर के अस्तित्व बहुत पुरान हउवे जेवना के पुरान नाव गाधिपुरी हऽ। कुछ लोग के मानल इहो बा कि मसूद ग़ाज़ी कौनो नया शहर ना बसवलें, ऊ खाली पुरनके शहरिया के नाव 1330 में बदलके गाजीपुर कऽ दिहलें।
ऐतिहासिक दस्तावेजन के मुताबिक गाजीपुर के कठउत में पृथ्वीराज चौहान के वंशज राजा मंधाता के गढ़ी रहे। राजा मंधाता ओ समय भी दिल्ली के सुल्तानन के अधीनता ना स्वीकरले रहलन। ई बात ओइजुगा के खरखाह जागीरदार दिल्ली पहुंचवले जेकरा बाद मुहम्मद बिन तुगलक के सिपहसालार सैयद मसूद अल हुसैनी सेना के एगो टुकड़ी लेके कठउत अइलें आ राजा मंधाता के गढ़ी पर हमला बोल दिहलें। राजा मंधाता एह जुद्ध में हार गइलें। जेवना के बाद सैयद मसूद अल हुसैनी राजा के संपत्ति के नयका मालिक बनि गइलें। एह जुद्ध के बाद दिल्ली के सुल्तान के ओर से सैयद मसूद अल हुसैनी के मलिक-अल-सादात गााजी के उपाधि देहल गइल। सैयद मसूद गाजी एकरा बाद कठउत के बगल में गौसपुर नाव से एगो नया गढ़ बसा लिहलें। बाकी कुछे दिन के बाद ऊ गौसपुर से थोड़की दूर पे गाजीपुर नाव के एगो नया शहर बसा आपन राजाकाज के ठेकाना बदल लिहलें।
साल 2011 के जनगणना[1] अनुसार गाजीपुर के कुल शहरी जनसंख्या 110587 बाटे आ आसपास के उपशहरी इलाका के मिला लिहल जाय तब कुल जनसंख्या 121136 बा। जनसंख्या के हिसाब से ई भारत के 443वाँ शहर बाटे। जनगणना आँकड़ा के मोताबिक एह शहर में लिंगानुपात 908 आ साक्षरता के दर 84.27% बाटे।[1]
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