जलवायु बदलाव
मौसम के पैटर्न में लमहर समय में होखे वाला बदलाव / From Wikipedia, the free encyclopedia
जलवायु बदलाव भा जलवायु परिवर्तन (अंग्रेजी: Climate change), जलवायु में लंबा समय के दौरान होखे वाला बदलाव हवे। आम मौसम के दसा के सांख्यिकी के पैटर्न में अगर अइसन बदलाव होखे[1] जे कई साल ले (या कई दशक से ले के करोड़न सालन ले) चले, जलवायु बदलाव हऽ। जलवायु बदलाव के मतलब औसत मौसमी दसा में होखे वाला बदलाव हो सके ला, या फिर एकर मतलब हो सके ला कि बहुत लंबा समय के औसत मौसमी दसा के पैटर्न तुलना में वर्त्तमान या ओह लंबा समय के कौनों छोट हिस्सा के समय अवधि के मौसमी दसा सभ के पैटर्न के बीच केतना बिचलन बा। जलवायु बदलाव कई कारण से होला, जीवीय प्रक्रिया के चलते, या सुरुज के रेडिएशन में बदलाव के चलते, प्लेट टेक्टॉनिक्स के चलते, आ ज्वालामुखी घटना के चलते धरती के जलवायु में अइसन बदलाव हो सके ला जे सालन ले चले। कुछ मानवीय कारण, यानी मनुष्य के काम काज के रूप में कारण सभ के चिन्हित कइल गइल बा जेकरे कारण वर्तमान में जलवायु बदलाव या बैस्विक गरमाव हो रहल बा।[2]
बैज्ञानिक लोग भूतकाल के आ आगे आवे वाला समय के जलवायु के बिबिध प्रकार के ऑब्जरवेशन आ सैधांतिक मॉडल के मदद से समझे-बूझे के कोसिस क रहल बा। धरती के इतिहास में जलवायु कइसन रहल बा, एकर भारी आँकड़ा आ रिकार्ड जुटावल जा चुकल बा आ जुटावल जा रहल बा। एह सबूत सभ में भूबिग्यानी आँकड़ा, बरफ के चादर सभ में छेद क के लिहल नमूना, बनस्पति आ जिया-जंतु सभ से संबंधित आँकड़ा, ग्लेशियर आ पेरी-ग्लेशियर इलाका से लिहल आँकड़ा महत्व के चीज बाने। हाल के जमाना के आँकड़ा सीधे यंत्र के सहायता से नापल मौसमी दसा सभ के आँकड़ा के रूप में बा। जनरल सर्कुलेशन मॉडल सभ, जे भौतिक बिज्ञान के ऊपर आधारित बाने, पुराना समय के जलवायु के अनुमान लगावे आ भाबिस्य के जलवायु के पूर्वानुमान लगावे खातिर इस्तेमाल हो रहल बाने आ जलवायु बदलाव के कारण आ परभाव के बिचा में कड़ी जोड़े खाती इस्तेमाल हो रहल बाड़ें।
वर्तमान समय में मनुष्य के क्रियाकलाप से भूमंडलीय तापन के कारन जलवायु में होखे वाला परिवर्तन एगो प्रमुख चर्चा के बिसय बाटे आ कुछ लोग के हिसाब से निकट भबिस्य में पृथ्वी आ मानवता खातिर एगो खतरा बाटे। भारत में, जलवायु बदलाव के चलते बिस्थापन में बढ़ती होखे के बात कहल जा रहल बा।[3]
जलवायु परिवर्तन खातिर मिट्टी आधारित समाधान के ओर, एगो नया अध्ययन में माटी में बायोमोलेकुलस आ माटी के खनिज सभ के बीच के परस्पर क्रिया के जांच कइल गइल आ अइसन कारक सभ पर प्रकाश डालल गइल जे पौधा आधारित कार्बन के माटी में फँसे के प्रभावित करे लें। ई पावल गइल कि जैव अणु आ माटी के खनिज सभ पर आवेश, जैव अणु सभ के संरचना, माटी में प्राकृतिक धातु के घटक आ जैव अणु सभ के बीच जोड़ी बनावे के काम माटी में कार्बन के बरामदगी में प्रमुख भूमिका निभावे ला। जबकि मिट्टी सभ में सकारात्मक चार्ज वाला धातु आयन सभ के मौजूदगी कार्बन फँसावे के पक्ष में रहल, बायोमोलेकुलस सभ के बीच इलेक्ट्रोस्टैटिक जोड़ी बनावे से बायोमोलेकुलस सभ के माटी के खनिज सभ में सोखल रोकल गइल। ई खोज मिट्टी में कार्बन के फँसावे में सभसे कारगर मिट्टी के रसायन सभ के अनुमान लगावे में मददगार हो सके ला जे बदले में, वायुमंडल में कार्बन के कम करे खातिर आ ग्लोबल वार्मिंग आ जलवायु परिवर्तन खातिर मिट्टी आधारित समाधान सभ के रास्ता खोल सके ला।[4]