मोहनजोदड़ो
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एगो पुरातात्विक स्थल (आर्कियोलॉजिकल साइट), 2500 (ईपू), सिंधु घाटी सभ्यता / From Wikipedia, the free encyclopedia
मोहनजोदड़ो (सिंधी: موئن جو دڙو — अरथ: मुर्दन के टीला)[2][3] पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एगो पुरातात्विक स्थल (आर्कियोलॉजिकल साइट) बाटे। करीबन 2500 बीसीई (ईपू) में बनल ई जगह सिंधु घाटी सभ्यता के सभसे बड़हन बस्ती रहल, आ दुनियाँ के शुरुआती प्रमुख शहर सभ में से एक रहल, जे प्राचीन मिस्र, मेसोपोटामिया, मिनोआन क्रीट आ नोर्टे चिको के समकालीन रहल। लगभग 40,000 के आबादी वाला ई शहर करीबन 2700 बीसीई ले फरल-फूलल।[4]
Location | लरकाना जिला, सिंध, पाकिस्तान |
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Coordinates | 27°19′45″N 68°08′20″E |
Type | बस्ती |
Area | 250 हे (620 एकड़)[1] |
History | |
Founded | 26–25वीं सदी BCE |
Abandoned | 19वीं सदी BCE |
Cultures | सिंधु घाटी सभ्यता |
ऑफिशियल नाँव | मोहनजोदड़ो के पुरातात्विक खंडहर (Archaeological Ruins at Moenjodaro) |
पैमाना | सांस्कृतिक: ii, iii |
संदर्भ | 138 |
इंस्क्रिप्शन | 1980 (4वाँ सेशन) |
रकबा (एरिया) | 240 ha |
सिंधु घाटी सभ्यता के क्षय के साथ 19वीं सदी ईसा पूर्व में मोहनजोदड़ो के छोड़ दिहल गइल आ 1920 के दशक ले एह जगह के दोबारा खोज ना भइल। एकरे बाद एह शहर के जगह पर महत्व के खनाई भइल। 1980 में एकरा के यूनेस्को के बिस्व धरोहर स्थल के रूप में दर्जा दिहल गइल आ दक्खिन एशिया के ई पहिला जगह रहल जेकरा के ई दर्जा मिलल।[5] फिलहाल एह जगह पर माटी के कटाव आ संरक्षण के अभाव के चलते ई साइट खतरा में बा।[6]