होली
हिंदू तिहुआर / From Wikipedia, the free encyclopedia
होली बसंत ऋतु में मनावल जाये वाला एगो महत्वपूर्ण भारतीय तिहुआर ह।[1] इ पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फागुन मास के पुर्नवासी के मनावल जाला ।[9]
होली | |
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मनावे वाला | हिंदू,[1] आ कुछ जैन लोग,[2] नेवार इलाका के बौद्ध[3] आ अन्य गैर-हिंदू लोग भी।[4] |
प्रकार | धार्मिक, सांस्कृतिक, बसंत के तिहवार |
मनावे के तरीका | एक रात पहिले: होलिका जरावल (सम्मत फूँकल होली के दिन: एक दूसरा पर रंग-अबीर फेंकल, नाच-गाना, तिहवार पर बने वाला पकवान खाइल।[5] |
समय | हिंदू कैलेंडर के हिसाब से[नोट 1] |
2023 तारीख | 07 मार्च भारत में[6][7] 08 मार्च नेपाल में[8] |
केतना बेर | सालाना |
फागुन में मनावे जाए वाला होली क त्योहार होलिका की दहन की साथ एक रात पहिलहीं से शुरू हो जाला ओइजा लोग एकट्ठा होला, होलिका दहन की आगे कईगो आपन रीति-रिवाज निभावेला आ प्रार्थना करेला। ओकरी अगिला सबेरे रंगवाली होली मनावल जाला, इ एगो रंग महोत्सव की तरह होला जवने में हर केहू शामिल हो सकेला। ए महोत्सव में शामिल होखे वाला लोग एकदूसरे प रंग डाल के, गुलाल लगाके होली मनावेला। लोगन क दल ड्रम बजावेला, जगहे-जगहे नाचेला गावेला। लोग रंग खेले एकदूसरे की घरे जाला, खूब हँसी मजाक, गप्पा लागेला, ओकरी अलावा खईले पियले क कार्यक्रम होला, कुछ लोग भाँग वगैरह क सेवन करेला। इ सब कुल ख़तम होखले की बाद सांझी क, अदमी अच्छा से कपड़ा पहिन के अपनी दोस्त रिश्तेदारन से मिले जाला।।[5]
इ त्योहार अच्छाई क बुराई पर जीत क संदेशा देला ओकरी अलावा, वसंत ऋतु क आगमन, शीत ऋतु क अंत क संकेत की साथ कई अदमी खातिर इ त्योहार सबसे मेल मिलाप, हँसले बोलले क बहाना, कड़वाहट भुला के माफ़ी दिहले क आ आपन टूटल रिश्ता जोड़ले क मौका होला।