Loading AI tools
भारत के पहले रक्षा प्रमुख (1958-2021) विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
जनरल बिपिनसिंह रावत, PVSM, UYSM, AVSM, YSM, SM, VSM, ADC (16 मार्च 1958 - 8 दिसंबर 2021) भारत के पहले रक्षा प्रमुख या चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) थे। उन्होंने 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख के पद का भार ग्रहण किया। इससे पूर्व वो भारतीय थल सेनाध्यक्ष के पद पर 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक पर रह चुके थे।[3][4][5][6]
जनरल बिपिन रावत PVSM, UYSM, AVSM, YSM, SM, VSM, ADC | |
---|---|
2020 में जनरल रावत | |
जन्म |
16 मार्च 1958 गढ़वाल, उत्तर प्रदेश (वर्तमान में पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड) |
देहांत |
8 दिसम्बर 2021 63) कुन्नूर, तमिलनाडु, भारत | (उम्र
निष्ठा | भारत |
सेवा/शाखा | भारतीय थल सेना |
सेवा वर्ष | 16 दिसम्बर 1978 – 8 दिसम्बर 2021 [1] |
उपाधि | जनरल |
दस्ता | 5/11गोरखा राइफल्स [2] |
नेतृत्व |
उप सेना प्रमुख, दक्षिणी कमान भारत IIIकोर संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य 19 इन्फैंट्री डिवीजन 5 सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स इन्फैंट्री बटालियन, पूर्वी सेक्टर |
सम्मान |
परम विशिष्ट सेवा पदक उत्तम युद्ध सेवा पदक अति विशिष्ट सेवा पदक युद्ध सेवा पदक सेना पदक विशिष्ट सेवा पदक ऐड-डि-कैम्प |
बिपिन रावत | |
---|---|
भारत के रक्षा प्रमुख, पहले | |
कार्यकाल 1 जनवरी 2020 - 8 - दिसंबर - 2021 | |
राष्ट्रपति | रामनाथ कोविंद |
प्रधानमंत्री | नरेंद्र मोदी |
रक्षा मंत्री | राजनाथ सिंह |
पूर्वा धिकारी | पद सृजन |
उत्तरा धिकारी | पद खाली |
भारत के थलसेनाध्यक्ष, 26वें | |
कार्यकाल 31 दिसम्बर 2016 - 31 दिसम्बर 2019 | |
पूर्वा धिकारी | दलबीर सिंह सुहाग |
उत्तरा धिकारी | मनोज मुकुंद नरवणे |
राष्ट्रपति | प्रणब मुखर्जी रामनाथ कोविंद |
प्रधानमंत्री | नरेंद्र मोदी |
रक्षा मंत्री | निर्मला सीतारमण अरुण जेटली मनोहर पर्रीकर |
8 दिसम्बर 2021 को, एक हैलिकॉप्टर दुर्घटना में, 63 वर्ष की आयु में जनरल रावत का निधन हो गया।
बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तर प्रदेश के गढ़वाल जिले के पौड़ी (वर्तमान में पौड़ी गढ़वाल जिला, उत्तराखण्ड) में हुआ।[7] इनका परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवा दे रहा था। इनके पिता लक्ष्मण सिंह राजपूत पौड़ी गढ़वाल जिले के सैंजी गाँव से थे और लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए।[8][9] इनकी माता उत्तरकाशी जिले से थीं और उत्तरकाशी विधान सभा से विधायक रह चुके किशन सिंह परमार की पुत्री थीं।[10]
जनरल रावत की शुरूआती शिक्षा देहरादून के कैंबरीन हॉल स्कूल और शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल में हुई।[11] इसके बाद इन्होने खडकवासला स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में दाखिला लिया। इसके बाद रावत ने भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से प्रथम श्रेणी में स्नातक की उपाधि प्राप्त कि और यहाँ उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सोर्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया[12]
रावत ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन से भी स्नातक की शिक्षा ली और फ़ोर्ट लेवेनवर्थ, कन्सा, स्थित यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड एंड जनरल स्टाफ़ कॉलेज से 1997 में उपाधि ग्रहण की।[13][14][15]बाद में, रावत ने मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन विषय में एम.फ़िल. की उपाधि एवं प्रबन्धन एवं कंप्यूटर अध्ययन में डिप्लोमा भी प्राप्त किया। वर्ष 2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से इन्हें सैन्य मीडिया अध्ययन के क्षेत्र में शोध के लिए पीएचडी की मानद उपाधि दी गयी।[16][17]
जनरल रावत ने ग्यारहवीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी।[18]
सम्मान एवं उपलब्धियाँ | ||
---|---|---|
पूर्वाधिकारी कोई नहीं |
रक्षा प्रमुख (सीडीएस) ०१ जनवरी २०२० - ०८ दिसंबर २०२१ |
उत्तराधिकारी अघोषित |
पूर्वाधिकारी दलबीर सिंह सुहाग |
सेनाध्यक्ष ३१ दिसंबर २०१६ - ३१ दिसंबर २०२० |
उत्तराधिकारी मनोज मुकुंद नरवणे |
पूर्वाधिकारी मन मोहन सिंह राय |
उपसेनाध्यक्ष ०१ सितंबर २०१६ - ३१ दिसंबर २०१६ |
उत्तराधिकारी सरथ चंद |
पूर्वाधिकारी अशोक सिंह[19] |
'जनरल ऑफिसर कमांडिंग - इन - चीफ, दक्षिणी कमान' ०१ जनवरी २०१६- ३१ जुलाई २०१६ [19] |
उत्तराधिकारी पी एम हेरीज़ |
पूर्वाधिकारी एस एल नरसिम्हन |
'जनरल ऑफिसर कमांडिंग तृतीय कोर' ०१ सितंबर २०१४- २३ नवंबर २०१५ |
उत्तराधिकारी अभय कृष्ण |
देश | तारीख | उद्देश्य | संदर्भ |
---|---|---|---|
2017 | |||
नेपाल | 28 - 31 मार्च |
|
|
बांग्लादेश | 31 मार्च - 2 अप्रैल |
|
|
भूटान | 27 - 30 अप्रैल |
|
देश |
म्यांमार | 28 - 31 मई |
|
देश |
कजाखस्तान | 1-3 अगस्त |
|
देश |
तुर्कमेनिस्तान | 4 - 5 अगस्त |
|
देश |
2018 | |||
नेपाल | 12 - 14 फ़रवरी |
|
8 दिसम्बर 2021 को, जनरल रावत, उनकी पत्नी और उनके निजी स्टाफ़ के अन्य सदस्यों समेत कुल 10 यात्री और चालक दल के 4 सदस्य भारतीय वायुसेना के मिल एमआई-17 हैलिकॉप्टर पर सवार थे जो सुलुरु वायुसेना हवाई अड्डे से वेलिंगटन स्थित रक्षा सेवा स्टाफ़ कॉलेज जा रहा था जहाँ जनरल रावत को व्याख्यान देना था।[20] स्थानीय समय अनुसार अपराह्न 12:10 बजे के आसपास, नीलगिरि जिले के कुन्नूर तालुके के बांदीशोला ग्राम पंचायत में स्थित एक निजी चाय बागान की आवासीय कॉलोनी के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया।[21][22][23] दुर्घटना का स्थान उस जगह से लगभग 10किलोमीटर की दूरी पर था जहाँ हेलिकॉप्टर को उतरना था।[24] जनरल रावत – और उनकी पत्नी समेत अन्य 11 – के निधन की पुष्टि बाद में भारतीय वायुसेना द्वारा की गयी। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह इस दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचने वाले व्यक्ति थे।[25] लेकिन कुछ दिनों बाद बेंगलुरू के सैन्य कमान अस्पताल में उनका भी निधन हो गया।[26] निधन के समय रावत की उम्र 63 वर्ष थी।[27]
शुक्रवार, 10 दिसम्बर को, जनरल रावत का अंतिम संस्कार हिन्दू रीतियों अनुसार एवं पूरे सैन्य सम्मान के साथ 17 तोपों की सलामी देते हुए, बरार चौक पर संपन्न हुआ।[28] दाह संस्कार की रस्म उनकी दो बेटियों द्वारा पूर्ण की गयी।
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.
Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.