राजगीर
बौद्ध धर्म का पवित्र स्थल / From Wikipedia, the free encyclopedia
राजगीर (Rajgir) मगध भारत के बिहार राज्य के नालंदा ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है। यह कभी मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी, जिससे बाद में मौर्य साम्राज्य का उदय हुआ।[1][2] राजगृह का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। वसुमतिपुर, वृहद्रथपुर, गिरिब्रज और कुशग्रपुर के नाम से भी प्रसिद्ध रहे राजगृह को आजकल राजगीर के नाम से जाना जाता है। पौराणिक साहित्य के अनुसार राजगीर बह्मा की पवित्र यज्ञ भूमि, संस्कृति और वैभव का केन्द्र तथा जैन धर्म के 20 वे तीर्थंकर मुनिसुव्रतनाथ स्वामी के गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान कल्याणक एवं 24 वे तीर्थंकर महावीर स्वामी के प्रथम देशना स्थली भी रहा है साथ ही भगवान बुद्ध की साधनाभूमि राजगीर में ही है। इसका ज़िक्र ऋगवेद, अथर्ववेद, तैत्तिरीय उपनिषद, वायु पुराण, महाभारत, वाल्मीकि रामायण आदि में आता है। जैनग्रंथ विविध तीर्थकल्प के अनुसार राजगीर जरासंध, श्रेणिक, बिम्बसार, कनिक आदि प्रसिद्ध शासकों का निवास स्थान था। जरासंध ने यहीं श्रीकृष्ण को हराकर मथुरा से द्वारिका जाने को विवश किया था।
राजगीर Rajgir | |
---|---|
{{{type}}} | |
ऊपर से दक्षिणावर्त : विश्व शांति स्तूप, राजगीर पहाड़ियों का दृश्य, रत्नागिरि पहाड़ियों में रोपवे, प्राचीन दिवारें, स्वर्ण भंडार (सोनभंडार) गुफाएँ, गृद्धकूट पर्वत | |
निर्देशांक: 25.03°N 85.42°E / 25.03; 85.42 | |
देश | भारत,मगध |
प्रान्त | बिहार |
ज़िला | नालंदा ज़िला |
ऊँचाई | 73 मी (240 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 41,587 |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी, मगही |
पिनकोड | 803116 |
दूरभाष कोड | +91-6112 |
वाहन पंजीकरण | BR-21 |
लिंगानुपात | 1000/889 ♂/♀ |
साक्षरता दर | 51.88% |
पटना से 100 किमी दक्षिण-पूर्व में पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच बसा राजगीर न केवल एक प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थस्थल है बल्कि एक सुन्दर हेल्थ रेसॉर्ट के रूप में भी लोकप्रिय है। यहां हिन्दु, जैन और बौद्ध तीनों धर्मों के धार्मिक स्थल हैं। खासकर बौद्ध धर्म से इसका बहुत प्राचीन संबंध है। बुद्ध न केवल कई वर्षों तक यहां ठहरे थे बल्कि कई महत्वपूर्ण उपदेश भी यहाँ की धरती पर दिये थे। बुद्ध के उपदेशों को यहीं लिपिबद्ध किया गया था और पहली बौद्ध संगीति भी यहीं हुई थी।