गोविन्द मिश्र (जन्म- १ अगस्त १९३९) हिन्दी के जाने माने कवि और लेखक हैं। वे उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, भारतीय भाषा परिषद, कलकत्ता, साहित्य अकादमी, दिल्ली, व्यास सम्मान द्वारा अपनी साहित्य सेवाओं के लिए सम्मानित किए गए हैं। अभी तक उनके १० उपन्यास और १२ कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त यात्रा वृत्तांत, बाल साहित्य, साहित्यिक निबंध और कविता संग्रह भी प्रकाशित हुए हैं। विश्वविद्यालयों में उनकी रचनाओं पर शोध हुए हैं। वे पाठ्यक्रम की पुस्तकों में शामिल किए गए हैं, रंगमंच पर उनकी रचनाओं का मंचन किया गया है और टीवी धारावाहिकों में भी उनकी रचनाओं पर चलचित्र प्रस्तुत किए गए हैं। विस्तार से पढ़ें...
२ मार्च २००९
वसंत उत्तर भारत तथा समीपवर्ती देशों की छे ऋतुओं में से एक ऋतु है, जो फरवरी मार्च और अप्रैल के मध्य इस क्षेत्र में अपना सौंदर्य बिखेरती है। ऐसा माना गया है कि माघ महीने की शुक्ल पंचमी से वसंत ऋतु का आरंभ होता है। फाल्गुन और चैत्र मास वसंत ऋतु के माने गए हैं। फाल्गुन वर्ष का अंतिम मास है और चैत्र पहला। इस प्रकार हिंदू पंचांग के वर्ष का अंत और प्रारंभ वसंत में ही होता है। इस ऋतु के आने पर सर्दी कम हो जाती है। मौसम सुहावना हो जाता है। पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं। आम बौरों से लद जाते हैं और खेत सरसों के फूलों से भरे पीले दिखाई देते हैं अतः राग रंग और उत्सव मनाने के लिए यह ऋतु सर्वश्रेष्ठ मानी गई है और इसे ऋतुराज कहा गया है। विस्तार से पढ़ें...
३ मार्च २००९
विंग्स आफ फायर: एन आटोबायोग्राफी आफ एपीजे अब्दुल कलाम (१९९९), भारत के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की आत्मकथा है। इसके सह-लेखक अरुण तिवारी हैं। इसमे अब्दुल कलाम के बचपन से लेकर लगभग १९९९ तक के जिवन सफर के बारे मे बताया गया है। मूल रुप मे अंग्रेजी मे प्रकाशित यह किताब, विश्व की १३ भाषाओ मे अनूदित हो चुकी है। जिसमे भारत की प्रमुख भाषाए हिंदी, गुजराती, तेलगु, तमिल, मराठी, मलयालम के साथ-साथ कोरियन, चीनी और ब्रेल लिपि भी शामिल है। आत्मकथा ४ भागों में विभाजित है। डा. कलाम का जन्म तमिलनाडु मे रामेश्वरम मे मध्यम वर्गीय तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। विस्तार से पढ़ें...
४ मार्च २००९
रब ने बना दी जोड़ी वर्ष २००८ में बनी एक हिन्दी फ़िल्म है। फिल्म के मुख्य कलाकार शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा हैं। यह नवोदित तारिका अनुष्का शर्मा की पहली फ़िल्म है। फ़िल्म में अमृतसर के एक दफ्तर के बाबू को दिखाया गया है, जिसकी शादी से पहले किसी भी लड़की से कोई पहचान तक नहीं होती। सूरी (शाहरुख खान) पंजाब पावर का एक कर्मचारी है। उसकी शादी अपने गुरु की बेटी तानी से तब हो जाती है जब तानी की शादी के दिन उसका दूल्हा एक बस दुर्घटना में मारा जाता है, और इस वजह से उसके पिता की हृदयगति रुक जाती है।
अमरनाथ हिन्दुओ का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। यह कश्मीर राज्य के शहर श्रीनगर के उत्तर-पूर्व में १३५ सहस्त्रमीटर दूर समुद्रतल से १३,६०० पद की ऊंचाई पर स्थित है। अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। अमरनाथ को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है क्यों कि यहीं पर भगवान शिव ने माँ पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। यहां की प्रमुख विशेषता पवित्र गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्मित होना है। प्राकृतिक हिम से निर्मित होने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग भी कहते हैं। आषाढ़ पूर्णिमा से शुरू होकर रक्षाबंधन तक पूरे सावन महीने में होने वाले पवित्र हिमलिंग दर्शन के लिए लाखो लोग यहां आते है। गुफा की परिधि अंदाजन डेढ़ सौ फुट होगी। भीतर का स्थान कमोबेश चालीस फुट में फैला है और इसमें ऊपर से बर्फ के पानी की बूंदे जगह-जगह टपकती रहती हैं।... विस्तार से पढ़ें...
६ मार्च २००९
मेरी क्युरी (प्रारंभिक नाम मारिया स्कोलोडोवस्का) (७ नवंबर१८६७ - ४ जुलाई१९३४) विख्यात भौतिकविद और रसायनशास्त्री थी। पोलैंड के वारसॉ नगर में जन्मी मेरी ने रेडियम की खोज की थी। महिला होने के कारण तत्कालीन वारसॉ में उन्हें सीमित शिक्षा की ही अनुमति थी। इसलिए उन्हें छुप-छुपाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करनी पड़ी। बाद में बड़ी बहन की आर्थिक सहायता की बदौलत वह भौतिकी और गणित की पढ़ाई के लिए पेरिस आईं। उन्होंने फ़्रांस में डॉक्टरेट पूरा करने वाली पहली महिला होने का गौरव पाया। उन्हें पेरिस विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर बनने वाली पहली महिला होने का गौरव भी मिला। यहीं उनकी मुलाक़ात पियरे क्यूरी से हुई जो उनके पति बने। इस वैज्ञानिक दंपत्ति ने १८९८ में पोलोनियम की महत्वपूर्ण खोज की।... विस्तार से पढ़ें...
७ मार्च २००९
पं. श्रद्धाराम शर्मा (या श्रद्धाराम फिल्लौरी) (१८३७-२४ जून१८८१) लोकप्रिय आरती ओम जय जगदीश हरे के रचयिता हैं। इस आरती की रचना उन्होंने १८७० में की थी। वे सनातन धर्म प्रचारक, ज्योतिषी, स्वतंत्रता सेनानी, संगीतज्ञ तथा हिन्दी और पंजाबी के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। पं. श्रद्धाराम शर्मा का जन्म पंजाब के जिले जालंधर में स्थित फिल्लौर शहर में हुआ था। उनके पिता जयदयालु खुद एक अच्छे ज्योतिषी थे। उन्होंने अपने बेटे का भविष्य पढ़ लिया था और भविष्यवाणी की थी कि यह एक अद्भुत बालक होगा। बालक श्रद्धाराम को बचपन से ही धार्मिक संस्कार तो विरासत में ही मिले थे। उन्होंने सात साल की उम्र तक गुरुमुखी में पढाई की। दस साल की उम्र में संस्कृत, हिन्दी, फ़ारसी तथा ज्योतिष की पढाई शुरु की और कुछ ही वर्षो में वे इन सभी विषयों के निष्णात हो गए।... विस्तार से पढ़ें...
८ मार्च २००९
गोविन्द शंकर कुरुप या जी शंकर कुरुप(५ जून१९०१ - २ फरवरी१९७८) मलयालम भाषा के प्रसिद्ध कवि हैं। उनका जन्म केरल के एक गाँव नायतोट्ट में हुआ था। ३ साल की उम्र से उनकी शिक्षा आरंभ हुई। ८ वर्ष तक की आयु में वे 'अमर कोश' 'सिद्धरुपम' 'श्रीरामोदन्तम' आदि ग्रन्थ कंठस्थ कर चुके थे और रघुवंश महाकाव्य के कई श्लोक पढ चुके थे। ११ वर्ष की आयु मे महाकवि कुंजिकुट्टन के गाँव आगमन पर वे कविता की ओर उन्मुख हुये । तिरुविल्वमला में अध्यापन कार्य करते हुये अँग्रेजी भाषा तथा साहित्य का अध्यन किया। अँग्रेजी साहित्य इनको गीति के आलोक की ओर ले गया। उनकी प्रसिद्ध रचना ओटक्कुष़ल अर्थात बाँसुरी भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले साहित्य के सर्वोच्च पुरस्कार ज्ञानपीठ द्वारा सम्मानित हुई। ... विस्तार से पढ़ें...
९ मार्च २००९
गुलाब एक बहुवर्षीय, झाड़ीदार, पुष्पीय पौधा है। इसकी १०० से अधिक जातियां हैं जिनमें से अधिकांश एशियाइ मूल की हैं। जबकि कुछ जातियों के मूल प्रदेश यूरोप, उत्तरी अमेरिका तथा उत्तरी पश्चिमी अफ्रीका भी है। भारत सरकार ने १२ फरवरी को गुलाब-दिवस घोषित किया है। गुलाब के अनेक संस्कृत पर्याय है। अपनी रंगीन पंखुड़ियों के कारण गुलाब पाटल है, सदैव तरूण होने के कारण तरूणी, शत पत्रों के घिरे होने पर ‘शतपत्री’, कानों की आकृति से ‘कार्णिका’, सुन्दर केशर से युक्त होने ‘चारुकेशर’, लालिमा रंग के कारण ‘लाक्षा’, और गन्ध पूर्ण होने से गन्धाढ्य कहलाता है। ...विस्तार से पढ़ें...
१० मार्च २००९
होलीभारत के सबसे पुराने पर्वों में से है। यह कितना पुराना है इसके विषय में ठीक जानकारी नहीं है लेकिन इसके विषय में इतिहासपुराण व साहित्य में अनेक कथाएँ मिलती है। इन कथाओं पर आधारित साहित्य और फ़िल्मों में अनेक दृष्टिकोणों से बहुत कुछ कहने के प्रयत्न किए गए हैं लेकिन हर कथा में एक समानता है कि असत्य पर सत्य की विजय और दुराचार पर सदाचार की विजय और विजय को उत्सव मनाने की बात कही गई है। होली का त्योहार राधा और कृष्ण की पावन प्रेम कहानी से भी जुडा हुआ है। वसंत के सुंदर मौसम में एक दूसरे पर रंग डालना उनकी लीला का एक अंग माना गया है। मथुरा और वृन्दावन की होली राधा और कृष्ण के इसी रंग में डूबी हुई होती है। ...विस्तार से पढ़ें...
११ मार्च २००९
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में भले ही विविध प्रकार से होली का उत्सव मनाया जाता है परंतु सबका उद्देश्य एवं भावना एक ही है- भक्ति, सच्चाई के प्रति आस्था और मनोरंजन। इसके अतिरिक्त अनेक देश ऐसे हैं जहाँ या तो होली से मिलता जुलता कोई पर्व मनाया जाता है या किसी अन्य अवसर पर रंग या सादे पानी से खेलने की परंपरा है।भारत ही नहीं विश्व के अन्य अनेक देशों में भी होली अथवा होली से मिलते-जुलते त्योहार मनाने की परंपराएँ हैं। नेपाल में होली के अवसर पर काठमांडू में एक सप्ताह के लिए प्राचीन दरबार और नारायणहिटी दरबार में बाँस का स्तम्भ गाड़ कर आधिकारिक रूप से होली के आगमन की सूचना दी जाती है। पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्री लंका और मॉरीशस में भारतीय परंपरा के अनुरूप ही होली मनाई जाती है।
गुझिया एक प्रकार का पकवान है जो मैदे और खोए से बनाया जाता है। इसे छत्तीसगढ़ में कुसली, महाराष्ट्र में करंजी, बिहार में पिड़की और आंध्र प्रदेश में कज्जिकयालु, कहते हैं। उत्तर भारत में होली एवं दक्षिण भारत में दिवाली के अवसर पर घर में गुझिया बनाने की परंपरा है। गुझिया मुख्य रूप से दो तरह से बनाईं जातीं है, एक- मावा भरी गुझिया या रवा भरी गुझिया। मावा इलायची भरी गुझिया के ऊपर चीनी की एक परत चढ़ाकर वर्क लगाकर इसको एक नया रूप भी देते हैं। मावा के साथ कभी कभी हरा चना, मेवा या दूसरे खाद्य पदार्थ मिलाकर, जैसे अंजीर या खजूर की गुझिया भी बनाई जाती हैं।
प्रेमचंदोत्तर उपन्यासकारों में जैनेंद्रकुमार का विशिष्ट स्थान है। वह हिंदी उपन्यास के इतिहास में मनोविश्लेषणात्मक परंपरा के प्रवर्तक के रूप में मान्य हैं। जैनेंद्र अपने पात्रों की सामान्यगति में सूक्ष्म संकेतों की निहिति की खोज करके उन्हें बड़े कौशल से प्रस्तुत करते हैं। उनके पात्रों की चारित्रिक विशेषताएँ इसी कारण से संयुक्त होकर उभरती हैं। जैनेंद्र के उपन्यासों में घटनाओं की संघटनात्मकता पर बहुत कम बल दिया गया मिलता है। चरित्रों की प्रतिक्रियात्मक संभावनाओं के निर्देशक सूत्र ही मनोविज्ञान और दर्शन का आश्रय लेकर विकास को प्राप्त होते हैं।
प्रतिभा देवीसिंह पाटिल (उपनाम:प्रतिभा ताई) (जन्म १९ दिसंबर१९३४) स्वतंत्र भारत के ६० साल के इतिहास में पहली महिला राष्ट्रपति हैं| राष्ट्रपति चुनाव में प्रतिभा पाटिल ने अपने प्रतिद्वंदी भैरोंसिंह शेखावत को तीन लाख से ज़्यादा मतों से हराया। प्रतिभा पाटिल को ६,३८,११६ मूल्य के मत मिले, जबकि भैरोंसिंह शेखावत ३,३१,३०६ मत मिले। इस तरह वे भारत की १३वीं राष्ट्रपति चुन ली गई हैं। उन्होंने २५ जुलाई२००७ को संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति पद की शपथ ली। महाराष्ट्र के जलगांव जिले में जन्मी प्रतिभा के पिता का नाम श्री नारायण राव था। साड़ी और बड़ी सी बिंदी लगाने वाली यह साधारण पहनावे वाली महिला राजनीति में आने से पहले सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रही थी।
महानदी नदीछत्तीसगढ़ तथा उड़ीसा अंचल की सबसे बड़ी नदी है। प्राचीनकाल में महानदी का नाम चित्रोत्पला था। महानन्दा एवं नीलोत्पला भी महानदी के ही नाम हैं। महानदी का उद्गम रायपुर के समीप धमतरी जिले में स्थित सिहावा नामक पर्वत श्रेणी से हुआ है। महानदी का प्रवाह दक्षिण से उत्तर की तरफ है। सिहावा से निकलकर राजिम में यह जब पैरी और सोढुल नदियों के जल को ग्रहण करती है तब तक विशाल रुप धारण कर चुकी होती है। ऐतिहासिक नगरी आरंग और उसके बाद सिरपुर में वह विकसित होकर शिवरीनारायण में अपने नाम के अनुरुप महानदी बन जाती है। महानदी की धारा इस धार्मिक स्थल से मुड़ जाती है और दक्षिण से उत्तर के बजाय यह पूर्व दिशा में बहने लगती है।