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देवरिया जिला
उत्तर प्रदेश का जिला विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
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देवरिया भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय देवरिया शहर है । यह माना जाता है कि यहा का पौराणिक नाम देवारण्य है जो अंग्रेजी शासनकाल से देवरिया शब्द प्रयोग मे लाया जाने लगा | देवरिया ज़िला गन्ने की खेती और चीनी मिलों के लिए प्रसिध्द है। यहाँ की जमीन उर्वर है। यहां की फसलों में धान, गेहूँ, जौ, बाजरा, चना, मटर, अरहर, तिल, सरसों गन्ना हैं। गंडक, तथा घाघरा इस जिले से हो कर बहती हैं। गंडक नदी एक पौराणिक नदी है; इसका पौराणिक नाम हिरण्यावती है।[उद्धरण चाहिए] इन नदियों का यहाँ की सिंचाई में महत्वपूर्ण योगदान है। सिंचाई के अन्य साधनों में नहरें एवं नलकूप प्रमुख हैं। देवरिया जनपद से एक नया जिला बना है कुशीनगर।गण्डक नदी कुशीनगर के क्षेत्र में बहती हुई बिहार में प्रवेश करती है।हिरण्यवती नदी भी कुशीनगर के स्थान के निकट बहती है जी प्राचीन नदी है।

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भूगोल व अर्थव्यवस्था
प्रायः ऐसा होता है की गंडक व घाघरा के अलावा कुर्ना, गोर्रा, बथुआ, नकटा आदि नाले भी बरसात में उफन जाते हैं। व्यवसायों का आभाव है और बहुत से लोग नौकरी की तालाश में इसे छोड़कर अन्य स्थानों पर जाते हैं।
सांस्कृतिक पहलू
यहँ बोली जाने वाली बोली हिंदी भाषा और भोजपुरी है। जो यहाँ की एक लोकप्रिय बोली है। यहाँ की संस्कृति एवं लोक कला में हिंदी भाषा भोजपुरी की छाप स्पष्ट रूप से दिखती है। यहाँ गाए जाने वाले लोक गीतों में कजरी, सोहर, फगुआ या फाग महत्वपूर्ण हैं।
देवरिया से मात्र 27 किमी दूर कुशीनगर में महात्मा बुद्ध की समाधि स्थित है। यहीं पर भगवान बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ। वर्तमान में यह कुशीनगर जिले में स्थित है। देवरिया शहर बेहतर रेल एवं सड़क यातायात से जुडा़ हुआ है। इस शहर को ब्रॉड गे़ज की रेल लाइन देश के अन्य शहरों से जोड़ती है। देवरिया डाक मण्डल देवरिया तथा पडरौना जिलो की डाक व्यवस्था देखती है।
भाषा एवं धर्म
इस जनपद की बोली हिंदी भाषा ओर भोजपूरी भाषा है। देवरिया जनपद में मुख्य रूप से हिन्दी भाषा बोली जाती है। देवरिया जनपद की कुल जनसंख्या की लगभग ९९ प्रतिशत जनता हिन्दी, लगभग ०.५ प्रतिशत जनता उर्दू और ०.५ प्रतिशत जनता के बातचीत का माध्यम अन्य भाषाएँ हैं। बोली की बात करें तो ग्रामीण जनता के साथ-साथ अधिकांश शहरी जनता भी भोजपुरी बोलती है। कुल जनसंख्या की दृष्टि से इस जनपद में लगभग ९५ प्रतिशत हिन्दू, लगभग ५ प्रतिशत मुस्लिम और अन्य धर्म को मानने वाले हैं।
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शिक्षा
यहाँ पर शिक्षा की समुचित व्यवस्था है, कई इंटर कॉलेज और महाविद्यालय शिक्षण कार्य करते है। यहां बाबा राघवदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय जो कि कृषि कालेज के नाम से जाना जाता था ।राजकीय इण्टर कालेज, संत विनोवा डिग्री कॉलेज , स्वामी देवानंद डिग्री कॉलेज मठ लार, मदन मोहन मालवीय डिग्री कॉलेज भाटपार रानी,मदन मोहन मालवीय इंटरमीडिएट कॉलेज भाटपार रानी, बाबा राघव दास कृषक इंटरमीडिएट कॉलेज भाटपार रानी, बाबा राघव दास बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भाटपार रानी, देवरिया यहाँ के मुख्य शिक्षा स्थल हैं।
प्रमुख कस्बे
देवरिया जनपद के जाने-माने शहरों में देवरिया,(( नगर पालिका परिषद् बरहज))बरियारपुर। मेहरौना (महुआपाटन) नोनापार बैतालपुर, खुखुन्दू, गौरीबाजार, रामपुर कारखाना, उधोपुर, पाण्डेय चक,पथरदेवा, तरकुलवा, रुद्रपुर, बरहज भलुअनी, भाटपाररानी, बनकटा, सलेमपुर, लार, लार रोड भागलपुर ब्लाक , भटनी, महेन,जगरनाथ छपरा, सरयां घांटी ,रायपुरा किशुनपाली आदि हैं।
जनसंख्या
2011 में, देवरिया की जनसंख्या 3,100,946 थी, जिसमें पुरुष और महिलाएँ क्रमशः 1,537,436 और 1,563,510 थीं। 2024 में देवरिया जिले की अनुमानित जनसंख्या 3,570,000 है | [3]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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