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नाभिकीय आपूर्तिकर्ता समूह
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नाभिकीय आपूर्तिकर्ता समूह (अंग्रेज़ी: Nuclear Suppliers Group ; न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (NSG)) बहुत से देशों का एक समूह है। जो नाभिकीय निरस्त्रीकरण (nuclear disarmament) के लिये प्रयासरत है। इस कार्य के लिये यह समूह नाभिकीय शस्त्र बनाने योग्य सामग्री के निर्यात एवं पुनः हस्तान्तरण को नियन्त्रित करता है। इसका वास्तविक लक्ष्य यह है कि जिन देशों के पास नाभिकीय क्षमता नहीं है, वे इसे अर्जित न कर सकें। यह समूह ऐसे परमाणु उपकरण, सामग्री और तकनीक के निर्यात पर रोक लगाता है जिसका प्रयोग परमाणु शस्त्र बनाने में होना है और इस प्रकार यह परमाणु प्रसार को रोकता है।
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महर्त्वपूण तथ्य
1. एन॰एस॰जी॰ 48 राष्ट्रों का एक समूह है। जो सदस्य राष्ट्रों के साथ असैन्य कार्यों के लिये परमाणु सामग्री, परमाणु तकनीक के इस्तेमाल सुनिश्चित करता है।
2. एन॰एस॰जी॰ का गठन वर्ष 1974 में भारत के परमाणु परीक्षण की प्रतिक्रिया स्वरूप किया गया था।
3. यह समूह सैद्धान्तिक रूप से केवल परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर करने वाले देशों के साथ परमाणु व्यापार की अनुमति देता है। किन्तु इस बार इस समूह ने भारत को विशेष छूट देकर ऐतिहासिक निर्णय किया है।
4. एन॰एस॰जी॰ का कोई स्थायी कार्यालय नहीं है। एन॰एस॰जी॰ आमतौर पर वार्षिक बैठक करता है। सभी विषयों में निर्णय सर्वसम्मित के आधार पर होता है।
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इतिहास
इसकी स्थापना सन १९७४ में हुई जब भारत ने मुस्कराते बुद्ध (स्माइलिङ्ग बुद्धा) नामक नाभिकीय परीक्षण किया।
मई 1974 को भारत ने जब अपना परमाणु परीक्षण किया तो इसके उत्तर में इस समूह का गठन किया गया और इनकी पहली बैठक, जो है वो मई 1975 में हुई। ऐसे में जिन राष्ट्रों ने एनपीटी पर हस्ताक्षर किया हुआ है था , उन्होंने इस पर बात विचार किया।
भारत 2008 से ही इसकी सदस्यता पाने के लिये प्रयास कर रहा है। परन्तु प्रारम्भिक समय में बहुत राष्ट्रों ने विरोध किया जैसे ऑस्ट्रेलिया, मेक्सिको, स्विट्ज़रलैण्ड, चीन इत्यादि।
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सदस्य देश
सारांश
परिप्रेक्ष्य
आरम्भ में इसके केवल सात सदस्य थे - कनाडा, पश्चिमी जर्मनी, फ्रांस, जापान, सोवियत संघ, युनाइटेड किंगडम एवं संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए)। सन 1976-77 में इसमें और देश शामिल कर लिये गये और इसकी सदस्य संख्या 15 हो गयी। 1990 तक 12 और देश इसमें सम्मिलित हो गये। चीन इसमें सन 2004 में शामिल हुआ।
सन 2008 में इसके 45 सदस्य देश हैं। 6 सितम्बर 2008 को इसमें भारत को भी शामिल कर गया है।
वर्तमान सदस्य देश
इस समय एनएसजी के सदस्य देश निम्न हैं-
अर्जेण्टिना, आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया, बेलारूस, बेल्जियम, ब्राजील, ब्रिटेन, बुल्गारिया, कनाडा, चीन, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक गणराज्य, डेनमार्क, इस्टोनिया, फ़िनलैण्ड, फ़्रांस, जर्मनी, यूनान, हंगरी, आयरलैण्ड, इटली, जापान, कज़ाकिस्तान, लातिवया, लिथुआनिया, लक्ज़मबर्ग, माल्टा, नीदरलैण्ड, न्यूज़ीलैण्ड, नॉर्वे, पोलैण्ड, पुर्तगाल, रोमानिया, रूस, स्लिवाकोया, स्लोवेनिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्ज़रलैण्ड, तुर्की, यूक्रेन और अमेरिका तथा भारत < ref name="NSG_members" />
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- भारत एटमी ताकत, एनएसजी की मुहर (दैनिक जागरण)
- भारत को एनएसजी में छूट मिली (जोश)
- NSG का आधिकारिक जालस्थल
- Nuclear Suppliers Guidelines Part 1 - Trigger List
- Nuclear Suppliers Guidelines Part 2 - Dual Use
- NSG draft waiver for India
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