खानवा का युद्ध
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खानवा का युद्ध 16 मार्च 1527 को आगरा से 35 किमी दूर खानवा गाँव में बाबर एवं मेवाड़ के राणा सांगा के मध्य लड़ा गया। पानीपत के युद्ध के बाद बाबर द्वारा लड़ा गया यह दूसरा बड़ा युद्ध था ।
सामान्य तथ्य खानवा का युद्ध, तिथि ...
खानवा का युद्ध | |||||||
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मुगल साम्राज्य का विस्तार का भाग | |||||||
राजपूत सेना (वामपंथी) मुगल सेना के खिलाफ सशस्त्र चित्रण | |||||||
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योद्धा | |||||||
Mughal Empire | राजपूत परिसंघ लोदी वंश के वफादार | ||||||
सेनानायक | |||||||
'बाबर ' हुमायूं उस्ताद अली कुली मुस्तफा रूमी चिन तैमूर खान मीर मोहिब अली खलीफा मीर अब्दुल अजीज मीर मुहम्मद अली खान ख़ुसरो शाह कोकुल्टश कासिम हुसैन खान मुहम्मद ज़मान मिर्ज़ा अस्करी मिर्जा हिंडाल मिर्जा सैय्यद मेहदी ख्वाजा असद मलिक हस् त राजा अली खान सिल्हदी (Switched sides) |
राणा सांगा हसन खान मेवाती † महमूद लोदी मालदेव राठौर Uday Singh of Vagad † इदर के रायमल राठौर पृथ्वीराज सिंह प्रथम[2] मेड़ता के रतन सिंह † मानिक चंद चौहान † चंद्रभान चौहान † रतन सिंह चुंडावत † राज राणा अजजा † राव रामदास † गोकलदास परमार † मेदिनी राय सिल्हदी (राजपूत साम्राज्य को धोखा दिया) | ||||||
शक्ति/क्षमता | |||||||
50,000[lower-alpha 1][3] घुड़सवार, पैदल यात्री, कुंडा बंदूकें, मोर्टार और भारतीय सहयोगी[4][5] 30,000 सिल्हदी के तहत पुरुषों[lower-alpha 2] (after defection) |
100,000 सवारों[7][8] 500 युद्ध हाथीs[7] |
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