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गौरवशाली क्रांति
रक्तहीन क्रांति / From Wikipedia, the free encyclopedia
गौरवपूर्ण क्रान्ति (Glorious Revolution; ग्लोरियस रेवोल्यूशन) या सन १६८८ की क्रान्ति, इंग्लैंड राज्य में हुई एक धार्मिक-राजनैतिक क्रांति थी। गौरवपूर्ण क्रांति को रक्तहीन क्रांति के नाम से जाना जाता है क्योंकि यह शांतिपूर्वक संपन्न हुई थी। इंग्लैंड का राजा बदला ,इंग्लैंड की शासन व्यवस्था बदली, पर कहीं खून का एक कतरा भी न गिरा। इंग्लैंड के जेम्स द्वितीय द्वारा संसदीय संप्रभुता को चुनौती देने के फलस्वरुप ही इंग्लैंड राज्य में 1688 ईस्वी में क्रांति हुई थी। राजा जेम्स द्वितीय को अपनी पत्नी ऐनी समेत अपने निरकुंश शासन संसद की अवहेलना करने तथा प्रोटेस्टैंट धर्म विरोधी नीति के कारण गद्दी छोड़नी पड़ी थी। इस क्रांति के बाद विलियम तृतीय और मैरी द्वितीय को इंग्लैंड के सह-शासक के रूप में राजा और रानी बनाया गया।[1][2]
![]() विलियम, ऑरेंज के राजकुमार ट्रॉबे के तट पर पहुँचते हुए विलियम मिलर का चित्रण (1852) | |
दिनांक | 1688–1689 |
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अवश्थिति | ब्रिटिश द्वीप |
अन्य नाम |
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भागीदार | अंग्रेजी, वेल्श, आयरिश और स्कॉटिश समाज, डच सेना |
परिणाम |
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गौरवशाली क्रांति के फलस्वरूप इंग्लैंड में स्वछंद राजतंत्र का काल पूर्णतः समाप्त हो गया था। संसदीय शासन पद्धति की स्थापना हो जाने से जनसाधारण के अधिकार सुरक्षित हो गए थे। राजनीतिक एवं धार्मिक अत्याचार के भय से मुक्ति पा कर लोग आर्थिक विकास की ओर अग्रसर होने लगे थे।