Loading AI tools
भारतीय ओडिया भाषी लेखक विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
डा॰ जगन्नाथ मिश्र [1] (24 जून 1937 – 19 अगस्त 2019) भारतीय राजनेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री थे। डाॅ. मिश्र ने प्राध्यापक के रूप में अपना करियर शुरू किया था और बाद में बिहार विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने। डा॰ मिश्र तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके थे। उनकी रूचि सामाजिक और राजनीतिक कार्यों में बचपन से ही थी। उनके बड़े भाई ललित नारायण मिश्र एक प्रख्यात कुशल राजनीतिज्ञ थे जो कालक्रमेण रेल मंत्री बने। डा॰ मिश्र विश्वविद्यालय में पढ़ाने के दौरान ही अभिरूचानुसार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए थे। डा॰ मिश्र 1975 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। दूसरी बार उन्हें 1980 में कमान सौंपी गई और आखिरी बार 1989 से 1990 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। वे 1995-96 में अपनी राजनीतिक कुशलता के फलस्वरूप केन्द्रीय मंत्री भी बने थे। सम्पूर्ण भारत विशेषकर बिहार में डा॰ मिश्र का नाम बड़े नेताओं के रूप में जाना जाता रहा। कांगे्रस छोड़ने के बाद वह राष्ट्रवादी कांगे्रस पार्टी और फिर जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हो गये। 30 सितम्बर, 2013 को रांची में एक विशेष केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने चारा घोटाले में 44 अन्य लोगों के साथ उन्हें दोषी ठहराया। उन्हें चार साल की कारावास और 200,000 रूपये का जुर्माना लगाया गया था। 23 अक्टूबर, 2013 को झारखण्ड उच्च न्यायालय ने उन्हें बेल दिया था। हालांकि बाद में सीबीआई की विशेष न्यायालय द्वारा उन्हें दो मामलों में 23 दिसम्बर, 2017 तथा 19 मार्च, 2018 को बरी [मृत कड़ियाँ] कर दिया जबकि झारखण्ड उच्च न्यायालय में अन्य दो मामले अपील संख्या (Cr. App. (SJ) 838 - 2013 तथा Cr. App. (SJ) 268 - 2018 लंबित है।
जगन्नाथ मिश्र | |
---|---|
14 वे बिहार के मुख्यमंत्री | |
पद बहाल 11 April 1975 – 30 April 1977 | |
पूर्वा धिकारी | अब्दुल गफूर |
उत्तरा धिकारी | राष्ट्रपति शासन |
पद बहाल 8 June 1980 – 14 August 1983 | |
पूर्वा धिकारी | राष्ट्रपति शासन |
उत्तरा धिकारी | चंद्रशेखर सिंह |
पद बहाल 6 December 1989 – 10 March 1990 | |
पूर्वा धिकारी | सत्येंद्र नारायण सिन्हा |
उत्तरा धिकारी | लालू प्रसाद यादव |
निवास | पटना, बिहार, भारत |
जन्म: 24 जून, 1937 (सुपौल) निधन: 19 अगस्त, 2019 नई दिल्ली
पुत्र-तीन और पुत्रियाँ -तीन
रूचि
पठन-पाठन व लेखन।
विद्यालयी शिक्षा
बलुआ बाजार (सुपौल बिहार)
बी॰ए॰ (आॅनर्स), टी॰एन॰बी॰ काॅलेज (भागलपुर), एम॰ए॰ (अर्थशास्त्र) एल॰एस॰ काॅलेज (मुजफ्फरपुर), पी॰एचडी॰ (पब्लिक फिनान्स) बिहार विश्वविद्यालय से।
लेखन के क्षेत्र में उपलब्धियाँ
निबंधन लेखन एवं शोध-मार्गदर्शन - ख्याति प्राप्त पत्रिकाओं में लगभग 40 शोध पत्र लिखे। उनके अधीन उनके निर्देशन में 20 विद्वानों ने अर्थशास्त्र विषय में पी॰एचडी॰ उपाधि प्राप्त की। इनके द्वारा लिखित अबतक 23 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है।
ग्रंथ लेखन एवं सम्पादन का विवरण - लिखित एवं सम्पादित प्रकाशित ग्रंथः
(1) सार्वजनिक वित (2) मनी, बैंकिग एण्ड इन्टरनेशनल ट्रेड (3) लैण्ड रिफार्मस इन बिहार (4) एग्रिकल्चर मार्केटिंग इन बिहार (5) इन्डस्ट्रीयल फिनान्स इन बिहार (6) आर्थिक सिद्धांत और व्यावसायिक संगठन (7) ट्रेन्डस इन इन्डियन फेडरल फिनान्स (8) काॅपरेटिव बैंकिंग इन बिहार (9) दिशा संकेत (10) इन्डियाज इकाॅनोमिक डेवलपमेंट (11) फिनांसिंग आॅफ स्टेट प्लान्स (12) भारतीय आर्थिक विकास की नयी प्रवृतियां (13) प्लैनिंग एण्ड रिजनल डेवलपमेंट इन इन्डिया (14) न्यू डाइमेनसन्स आॅफ फेडरल फिनान्स (15) बिहार की पीड़ा से जुड़िए (16) भारतीय संघ की वित्तीय प्रवृतियाँ (17) माई विजन फाॅर इन्डियाज रूरल डेवलेपमेंट (18) चिन्तन के आयाम (19) बिहार: विकास और संघर्ष। (20) समग्र विकास: एक सोच (21) लेबर इकोनोमिक्स (22) ए क्रिटिक आॅफ द इकोनामिक्स आॅफ कीइन्स एण्ड केनिसियन थ्योरी एवं (23) बिहार बढ़कर रहेगा।
1966 से बिहार विश्वविद्यालय के सिंडिकेट और सिनेट में कई बार सदस्य निर्वाचित हुए। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कोर्ट एवं जे॰एन॰यू॰ के कोर्ट में भी दो बार सदस्य चुने गये। 1968 में पहलीबार मुजफ्फरपुर, चम्पारण एवं सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधान परिषद् के सदस्य निर्वाचित हुए। 1969 में राष्ट्रपति के ऐतिहासिक चुनाव में पूर्व रेल मंत्री श्री ललित नारायण मिश्र के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में बिहार में महत्वपूर्ण कार्य किया था। 1972, 1977, 1980, 1985 और 1990 में मधुबनी जिला के झंझारपुर से बिहार विधान सभा के लिए निरंतर सदस्य निर्वाचित हुए। 1972 में पहलीबार स्व॰ केदार नाथ पाण्डेय की सरकार में मंत्री बने। अब्दुल गफूर के मंत्रिमंडल में भी मंत्री नियुक्त हुए। 8 अप्रैल, 1975 को बिहार के पहलीबार मुख्यमंत्री हुए और 30 अप्रैल, 1977 तक उस पद पर बने रहे[2]। 8 जून, 1980 को बिहार के दूसरीबार मुख्यमंत्री हुए जिस पद पर वे 13 अगस्त, 1983 तक बने रहे। तीसरीबार वे 6 दिसम्बर, 1989 को मुख्यमंत्री हुए जिस पर वे 10 मार्च, 1990 तक बने रहे। मार्च, 1989 में वे बिहार प्रदेश कांगे्रस कमिटी के अध्यक्ष नियुक्त हुए दुबारा वे अप्रैल, 1992 में बिहार प्रदेश कांगे्रस के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। 1978 में श्रीमती इन्दिरा गांधी के साथ कांगे्रस विभाजन में उनके पक्ष में सक्रिय भूमिका निभायी। 1978 में बिहार विधान सभा में पहलीबार प्रतिपक्ष के नेता निर्वाचित हुए। दूसरीबार मार्च, 1990 में बिहार विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता निर्वाचित हुए। 1988 के अप्रैल में राज्यसभा के लिए सदस्य निर्वाचित हुए। दूसरीबार अप्रैल, 1994 में वे राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। 10 जून, 1995 को वे स्व॰ पी॰वी॰ नरसिंह राव मंत्रिमंडल में ग्रामीण विकास मंत्री नियुक्त हुए और जनवरी, 1996 में उन्हें कृषि मंत्री का प्रभार दिया गया जिस पद पर वे 16 मई, 1996 तक बने रहे।
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.
Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.