दिल्ली सल्तनत
दिल्ली से भारतीय उपमहाद्वीप पर शासन करने वाले राजवंश (१२०६-१५२६) / From Wikipedia, the free encyclopedia
इतिहासकारों के मत से 1206 से 1526 तक भारत पर शासन करने वाले पाँच वंश के सुल्तानों के शासनकाल को दिल्ली सल्तनत (उर्दू: دلی سلطنت) या सल्तनत-ए-हिन्द/सल्तनत-ए-दिल्ली कहा जाता है। ये पाँच वंश थे- गुलाम वंश (1206 - 1290), ख़िलजी वंश (1290- 1320), तुग़लक़ वंश (1320 - 1414), सैयद वंश (1414 - 1451), तथा लोदी वंश (1451 - 1526)। इनमें से पहले चार वंश मूल रूप से तुर्क थे और आखरी अफगान था।
दिल्ली सल्तनत दिल्ली सलतनत پادشاهی دهلی | |||||
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दिल्ली सल्तनत के विभिन्न वंश | |||||
राजधानी | दिल्ली (9वीं से 12वीं सदी) लाहौर (1206–1210) बदायूँ (1210–1214) दिल्ली (1214–1327) दौलताबाद (1327–1334) दिल्ली (1334–1506) आगरा (1506–1526) | ||||
भाषाएँ | देवनागरी हिंदी फारसी (आधिकारिक)[1] | ||||
धार्मिक समूह | सुन्नी इस्लाम | ||||
शासन | सल्तनत | ||||
सुल्तान | |||||
- | 1206–1210 | कुतुब-उद-दीन ऐबक (प्रथम) | |||
- | 1517–1526 | इब्राहीम लोदी (अंतिम) | |||
ऐतिहासिक युग | मध्यकालीन | ||||
- | स्थापित | 12 जून 1206[2] शुरूआती वर्ष डालें | |||
- | अमरोहा का युद्ध | 20 दिसम्बर 1305 | |||
- | अंत | ||||
- | पानीपत का युद्ध | 21 अप्रैल 1526 | |||
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मुहम्मद ग़ौरी का गुलाम क़ुतुबुद्दीन ऐबक, गुलाम वंश का पहला सुल्तान था। ऐबक का साम्राज्य पूरे उत्तर भारत तक फैला था। इसके बाद ख़िलजी वंश ने मध्य भारत पर कब्ज़ा किया लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप को संगठित करने में नाकाम रहा।[3]
,[4] पर इसने भारतीय-इस्लामिक वास्तुकला के उदय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।[5][6] दिल्ली सल्तनत मुस्लिम इतिहास के कुछ कालखंडों में है जहां किसी महिला ने सत्ता संभाली।[7] 1526 में मुगल सल्तनत द्वारा इस साम्राज्य का अंत हुआ।