Loading AI tools
प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता एवं गायक तथा मंगेशकर परिवार के मुखिया (1900-1942) विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
'दीनानाथ मंगेशकर' (29 दिसंबर 1900 -24 अप्रैल 1942) एक प्रसिद्ध मराठी थिएटर अभिनेता, प्रसिद्ध नाट्य संगीत संगीतकार और हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीतज्ञ एवं गायक थे। वे जाने-माने गायकों लता मंगेशकर, आशा भोसले ,मीना खाड़ीकर ,उषा मंगेशकर और संगीतकार हृदयनाथ मंगेशकर के पिता भी थे।
दीनानाथ मंगेशकर | |
---|---|
पृष्ठभूमि | |
इनका जन्म 29 दिसम्बर 1900 को , गोवा में [मंगेशी ] [मंगेशी गांव] में हुआ था। दीनानाथ मंगेशकर, दीना के नाम से लोकप्रिय थे [1] उनके पिता, गणेश भट्ट नवाथे (अभिषेकी )[2],एक कऱ्हाडे ब्राह्मण थे तथा प्रसिद्ध मंगेशी मंदिर गोवा में पुजारी थे। इनके परिवार का मूल उपनाम "हार्डिकर " था चूँकि इनके परिवार को मंगेशी मंदिर के शिवलिंग के लिए अभिषेक का पारंपरिक सौभाग्य प्राप्त हुआ था अतः उन्हें "अभिषेकी" उपनाम से भी जाना जाने लगा था। हालांकि, दीनानाथ ने अपने पिता के परिवार के दोनो उपनामों को नहीं अपनाया। इसका कारण यह था कि उनकी माँ येसुबाई राणे, गोवा के देवदासी समुदाय से थी ,Devadasi, येसूबाई एक प्रतिष्ठित गायिका थीं। [3] जो अब गोमांतक मराठा समाज के रूप में जाना जाता है। चूंकि वे परिवार सहित गोवा के मंगेशी गांव में रहते थे,और दीनानाथ वहाँ पैदा हुए थे , अतः उन्होंने अपना उपनाम "मंगेशकर[4]," जिसका अर्थ था "मंगेश द्वारा " अपनाया जो संयोग से, मंगेश देवता ,मंगेशी मंदिर के देवता का नाम भी है।
प्रसिद्ध भारतीय गायक जीतेंद्र अभिषेकी के पिता ,दीनानाथ उनके सौतेले चाचा थे।
दीनानाथ मंगेशकर पांच साल की उम्र में श्री बाबा माशेलकर से गायन और संगीत की शिक्षा लेने लगे थे तथा ग्वालियर संगीत विद्यालय के छात्र भी रहे। वे ज्ञानाचार्य पंडित रामकृष्ण बुआ वझे की विविधता पूर्ण और आक्रामक गायन शैली से मोहित हुए और उनके शागिर्द बन गए। अपनी जवानी में उन्होंने बीकानेर की यात्रा की और किराना घराना के पंडित सुखदेव प्रसाद,पंडित मणि प्रसादके पिता ,से शास्त्रीय संगीत में औपचारिक प्रशिक्षण लिया। व वे 11 साल की उम्र में किर्लोस्कर संगीत मंडली और किर्लोस्कर नाटक मंडली में शामिल हो गए थे कालांतर में उन्होंने किर्लोस्कर मंडली छोड़ दी और अपने दोस्तों ,चिंतामन राव कोल्हटकर और कृष्णराव कोल्हापुरे के साथ बलवंत मंडली का गठन किया। इस नए समूह था गडकरी का आशीर्वाद प्राप्त था , लेकिन समूह के गठन के कुछ ही समय बाद गडकरी की मृत्यु (जनवरी 1919) हो गई।
दीनानाथ अपने सौंदर्य और मधुर आवाज से मराठी रंगमंच में लोकप्रियता के शिखर तक पहुचे। उनकी लोकप्रियता इतनी थी की तब के विशाल मराठी मंच, बाल गंधर्व ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि वह अपने संगठन में प्रवेश के समय दीनानाथ का स्वागत "उनके पैरों के नीचे रुपया व सिक्कों के एक कालीन से" करेंगे 1935 की अवधि के दौरान उन्होंने 3 फिल्मों का निर्माण किया , उनमें से एक कृष्णार्जुन युद्ध भी थी। यह दोनों ,हिन्दी और मराठी,भाषा में बनाई गई थी और इसका एक गीत दीनानाथ द्वारा गाया और उन्ही पर फिल्माया गया था। दीनानाथ ने पंडित रामकृष्ण वझे के सानिध्य में भारतीय शास्त्रीय संगीत का अध्ययन किया। उन्होंने ज्योतिष का भी अध्ययन किया।
अपने ज्योतिष और अंक ज्योतिष ज्ञानानुसार उनका मानना था कि ५ अक्षर का नाम एवं तीसरे अक्षर पर अनुस्वार वाला नाटक उन के लिए भाग्यशाली था। उदाहरण: Ranadundubhi (रणदुंदुभी), Rajsanyas (राजसंन्यास), Deshkantak (देशकंटक)।
वे पहले संगीतकार थे जिन्होंने शिमला में ब्रिटिश वायसराय की उपस्थिति में ,खुले तौर पर विनायक दामोदर सावरकर द्वारा लिखे गीत का गायन और प्रदर्शन किया जो ब्रिटिश साम्राज्य की अवहेलना करने के लिए किया गया था।
दीनानाथ द्वारा निर्देशित एवं वझे बुआ की देशभक्ति सामग्री द्वारा रचित गीत एवं नाटक ,अपनी विलक्षण प्रस्तुति के कारण जनता के बीच बेहद लोकप्रिय थे।
दीनानाथ की पहली पत्नी का नाम नर्मदा (बाद में नाम बदलकर "श्रीमती" रखा गया ) था।। नर्मदा,(धुले और जलगांव (खानदेश)महाराष्ट्र, के बीच थालनेर शहर के एक समृद्ध व्यापारी सेठ हरिदास रामदास लाडली बेटी थी।
उनकी शादी के समय वह 19 थी और दीनानाथ 21 के थे। उनकी लतिका नामक एक बेटी थी , जिसकी अल्पायु में मृत्यु हो गई थी। दीनानाथ की पत्नी की भी इसके बाद शीघ्र ही मृत्यु हो गई।
दीनानाथ की दूसरी पत्नी उनकी पहली पत्नी की बहन थी। उसका नाम शेवंती था। कुछ सूत्रों का दावा है कि दीनानाथ ने उनकी दूसरी पत्नी को भी 'श्रीमती' नाम दिया था। कुछ सूत्र 'शुद्धमती' नाम भी बताते हैं।
दीनानाथ और शेवंती की शादी 1927 में घर में ही , एक सादे समारोह में हुई थी। शेवंती की मां इस शादी में अनुपस्थित रही थी। दीनानाथ और शेवंती के पाँच बच्चों थे : लता, मीना, आशा, उषा, और Hridaynath.
उनके पहली बच्ची का नाम था हृदया था लेकिन दीनानाथ उसे ,अपनी पहली पुत्री लतिका की स्मृति में ,लता बुलाया करते थे। यही लड़की बड़ी होकर महान गायिका लता मंगेशकर के नाम से जानी गई।
दीनानाथ ने एक विशिष्ट उपनाम के साथ अपने पेशेवर जीवन में अपना पहला कदम उठाना निर्धारित किया। इसलिए उन्होंने " मंगेशकर " उपनाम को चुना था। यह नाम उन के परिवार के देवता मंगेशी,फोंडा, गोवा स्थित– श्री मंगेश भगवान शिवके एक अवतार के नाम से प्रेरित था।
दीनानाथ 1930 के दशक में ,वित्तीय कठिनाई के दिनों के दौरान ,शराब का सेवन करने लगे थे। कुछ हफ्तों के लिए बीमार रहने के बाद, वह अप्रैल 1942 में पुणे में उनका निधन हो गया। उनकी मृत्यु के समय उनकी उम्र केवल 41 थी। उनके परिवार द्वारा , पुणे में उनके नाम पर दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र बनवाया गया है।
उनकी कुछ नाट्य प्रस्तुतियों जिनमें उन्होंने गाया और अभिनय भी किया हैं
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.
Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.