बिल्ली
बिल्ली के बारे में / From Wikipedia, the free encyclopedia
बिल्ली एक मांसाहारी स्तनधारी जानवर है। इसकी सुनने और सुँघने की शक्ति प्रखर है और यह कम रोशनी, यहाँ तक कि रात में भी देख सकती हैं। लगभग 9500 वर्षों से बिल्ली मनुष्य के साथी के रूप में है। प्राकृतिक रूप से इनका जीवनकाल लगभग 15 वर्षों का होता है।[1]
पालतू बिल्ली | |
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छह बिल्लियाँ | |
Domesticated | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | जंतु |
संघ: | कौरडेटा (Chordata) |
वर्ग: | स्तनधारी (Mammalia) |
गण: | मांसाहारी (Carnivora) |
कुल: | फ़ेलिडाए (Felidae) |
वंश: | फ़ीलिस (Felis) |
जाति: | फ़ीलिस कैटस F. catus |
द्विपद नाम | |
Felis catus/Felis domestica लीनियस, 1758 | |
बिल्लियों का मज़बूत और लचीला शरीर, तेज़ अभिक्रियाएँ, संकुचन योग्य पंजे और छोटे शिकार को मारने के लिए रूपांतरित दाँत होते हैं। बिल्ली गुप्तांगों की संध्यादार और मांसाहार जगत में ख़ास जगह होती है। बिल्लियाँ, मानव कानों के लिए बहुत ही मध्यम और बहुत ही तीव्र आवाज़ों, जैसे कि चूहों वग़ैरह की, को आराम से सुन सकतीं हैं। ये क़रीब-क़रीब घने अंधेरो में भी देख सकतीं हैं। बाक़ी स्तनधारियों की तरह इनकी रंग दृष्टि मनुष्य से काफ़ी कमज़ोर है जबकि इनकी सूँघने की ताक़त और ज़्यादा मज़बूत होती है।
एकान्त में शिकारी करने वाली जानवर होने के बावजूद, बिल्लियाँ सामाजिक जानवर भी हैं। इनके आपसी संचार का साधन अलग अलग तरहों की आवाज़ें (म्याऊँ म्याऊँ करना, घूर घूर करना, फुंकारता, बड़बड़ाना, वग़ैरह), रासायनिक तत्व (फ़ेरोमोन) और बिल्ली विशेष शारीरिक भाषा के प्रकार हैं।[2]
क्योंकि बिल्लियाँ प्राचीन मिस्र में पूजनीय जानवर थीं, ये वहाँ ही पालतू बनाईं गईं थीं,[3] लेकिन पालतू बनाने के कुछ संकेत पहले घटे "नवपाषाण युग" में भी मिलते हैं।[4]
2007 की एक आनुवांशिक जाँच पड़ताल ने ख़ुलासा किया है कि सभी पालतू बिल्लियाँ मध्य-पूर्व इलाक़े (लगभग 8000 ईसा पूर्व) की पाँच मादा अफ़्रीकी जंगली बिल्लियों (Felis silvestris lybica) के वंश में से आईं हैं।[3][5] बिल्लियाँ दुनिया की सब से मशहूर पालतू जानवर हैं और जहाँ भी इंसान रहते हैं, वहाँ ही पाईं जातीं हैं।[6]