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महाश्रमण
श्वेताम्बर तेरापन्थ के ग्यावरहें आचार्य / From Wikipedia, the free encyclopedia
आचार्य महाश्रमण (जन्म 13 मई 1962) जैन श्वेतांबर तेरापंथ के ग्याहरवें आचार्य हैं ।[1] आचार्य महाश्रमण जी, तेरापंथ संगठन के तहत काम करने वाली सभी गतिविधियों का नेतृत्व करते हैं, विशेष रूप से अणुव्रत, प्रेक्षा ध्यान, जीवन विज्ञान । सभी तेरापंथ उप-संगठन, विशेष रूप से जैन विश्व भारती,जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा आदि आचार्य श्री महाश्रमण के मार्गदर्शन में काम कर रहे हैं ।[2][3] एक धार्मिक संगठन के आचार्य होने के बावजूद, उनके विचार उदार और धर्मनिरपेक्ष हैं । अहिंसा, नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों को बढ़ावा देने में उनका दृढ़ विश्वास है ।[4][5]
सामान्य तथ्य आचार्य महाश्रमण, नाम (आधिकारिक) ...
आचार्य महाश्रमण | |
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![]() जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ११वें आचार्य महाश्रमणजी | |
नाम (आधिकारिक) | आचार्य महाश्रमण |
व्यक्तिगत जानकारी | |
जन्म नाम | मोहन दुगड़ |
जन्म |
13 मई 1962 (1962-05-13) (आयु 62) सरदारशहर, राजस्थान |
माता-पिता | झुमरमलजी और नेमादेवी दुगड़ |
शुरूआत | |
नव सम्बोधन | मुदित |
सर्जक | मुनि श्री सुमेरमलजी |
सर्जन स्थान | सरदारशहर, राजस्थान, भारत |
सर्जन तिथि | 5 मई 1974 |
दीक्षा के बाद | |
पद | आचार्य |
कार्य | अणुव्रत आंदोलन और प्रेक्षाध्यान |
पूर्ववर्ती | आचार्य महाप्रज्ञ |
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