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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
मोहन यादव (जन्म:25 मार्च 1965) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। ये वर्तमान में मध्य प्रदेश के दक्षिणी उज्जैन विधानसभा से विधायक हैं और मध्य प्रदेश के 19 वें मुख्यमंत्री के रूप में सेवारत हैं।[1]। वह 2013 से मध्य प्रदेश की विधानसभा के सदस्य के रूप में उज्जैन दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।[2][3][4]
मोहन यादव | |
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मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश | |
पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 12 दिसंबर 2023 | |
राज्यपाल | मंगूभाई छगनभाई पटेल |
पूर्वा धिकारी | शिवराज सिंह चौहान |
पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण सदस्य, मध्य प्रदेश विधानसभा परिषद | |
जन्म | 25 मार्च 1965 उज्जैन, मध्य प्रदेश, भारत |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
जीवन संगी | सीमा यादव |
बच्चे | 2 पुत्र, 1 पुत्री |
निवास | 1/1 मुंज मार्ग, फ्री गंज, उज्जैन, मध्य प्रदेश |
धर्म | हिन्दू |
मोहन यादव का जन्म 25 मार्च 1965 को उज्जैन में हुआ था। उनके पिता का नाम पूनमचंद यादव हैं।[5] उनकी शादी सीमा यादव से हुई हैं। उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। मोहन यादव के पास बीएससी, एलएलबी, एमए, एमबीए और पीएचडी सहित कई शैक्षणिक डिग्रियां हैं। मोहन यादव शिवराज सिंह चौहान की सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके हैं।[6]
वह 2013 में उज्जैन दक्षिण सीट से पहली बार विधायक बने थे। 2018 मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव में, वह एक बार फिर चुने गए और उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक बने। उन्होंने मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। 2 जुलाई 2020 को उन्होंने श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
मध्य प्रदेश में नए मुख्यमंत्री की घोषणा हो गई हैं। मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया हैं। विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लग गई हैं। मोहन यादव ओबीसी वर्ग से आते हैं। वह उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं। इस बार वह तीसरी बार विधायक बने हैं। मोहन यादव को मुख्यमंत्री, जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ला को डिप्टी सीएम बनाया गया हैं।
मोहन यादव को संघ का करीबी बताया जाता हैं। जानकारी के मुताबिक, विधायक दल की बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने खुद मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव रखा. मोहन यादव ने माधव साइंस कॉलेज से पढ़ाई की हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री रह चुके हैं। 1982 में छात्र संघ के सह-सचिव चुने गए थे।[7]
वे भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य और सिंहस्थ मध्यप्रदेश की केन्द्रीय समिति के सदस्य रह चुके हैं। मध्य प्रदेश विकास प्राधिकरण के प्रमुख पश्चिम रेलवे बोर्ड में सलाहकार समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। 2013 और 2018 के बाद 2023 में भी वह उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 163 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कमलनाथ के चेहरे पर लड़ रही कांग्रेस महज 66 सीटों पर सिमट गई। [8]
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