शरणार्थियों के लिए नानसेन अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय
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शरणार्थियों के लिए नानसेन अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय का गठण १९३० में नॉर्वे के मानवतावादी राजनयिक फ्रिडचॉफ नानसेन के निधन के बाद हुआ। नानसेन राष्ट्र संघ के अंतर्गत मानवीय सामाजिक कार्य में जुडे थे। प्रथम विश्व युद्ध के बाद उन्होंने संबंधित विस्थापित पीडि़तों के लिए काम किया और १९२२ में इस कार्य के लिए नोबेल शांति पुरस्कार जीता।[1] नानसेन के जीवीत काल में ये संगठन एक ब्यूरो के रूप में काम करता था। १९३० में दिल के दौरे से मृत्यु के बाद राष्ट्र संघ ने ये कार्य जरी रखने के लिए संगठन का निर्माण किया। इस कार्यालय का मुख्य दफ्तर जिनेवा, स्विट्जरलैंड में था।[2]
स्थापना | १९३० |
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अवसान | १९३८ |
वैधानिक स्थिति | निष्क्रिय |
मुख्यालय | जिनेवा, स्विटजरलैंड |
पैतृक संगठन |
राष्ट्र संघ |
टिप्पणियाँ | नोबेल शांति पुरस्कार विजेता १९३८ |
संगठन को तुरंत जर्मनी, ऑस्ट्रिया, चेकोस्लोवाकिया के शरणार्थियों के लिए कार्य करना पडा। पर संगठन के पास ज्यादा पैसा नहीं था।[3] सन् १९३८ में संगठन को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[4] इसि साल संगठन का विघटन भी हो गया।[2]