शूरसेन
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शूरसेन पौराणिक कथाओं में वर्णित मथुरा के एक शूरसैनी शासक थे ।[1]
[2] शूरसेन महाजनपद प्राचीन भारत के 16 महाजनपदो में से एक था, इसकी राजधानी मथुरा थी और यह कुरु महाजनपद के दक्षिण में स्थित था । बौद्ध ग्रंथों के अनुसार अवंतिपुत्र यहाँ का राजा था। पुराणों में मथुरा के राजवंश को "शूरसैनीवंश" कहा गया है। अपने ज्ञान, बुद्धि और "वैभव" के कारण यह नगर अत्यन्त प्रसिद्ध था।
बौद्ध ग्रंथों में साफ उल्लेख किया गया है कि शूरसेन महाजनपद के अपनी मुद्राएं हुआ करती थी , शूरसेनी अपनी भाषा हुआ करती थी और अपनी खुद की सेना हुआ करती थी । सम्राट शूरसेन की सेना का नाम " शूरसेना " था , बौद्ध ग्रंथों के अनुसार इस सेना ने महाभारत के युद्ध में बड़ी भूमिका निभाई थी और इसी सेना को शूरसैनी राजा श्री कृष्ण की सेना भी कहा गया था , जो कि उन्हें उनके दादा " सम्राट शूरसेन " से विरासत में मिली थी ।