राजगीर
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राजगीर, भारतको बिहार प्रदेशको नालन्दा जिल्लामा स्थित एक सहर र अधिसूचीत क्षेत्र हो। यो कुनै बेला मगध साम्राज्यको राजधानी हुने गर्थ्यो, जहाँबाट पछि मौर्य साम्राज्यको उदय भएको थियो।
राजगीर
राजगृह | |
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सहर, ऐतिहासिक इलाका | |
निर्देशाङ्क: २५°१′४८″उ॰ ८५°२५′१२″पू॰ | |
देश | भारत |
प्रदेश | बिहार |
विभाग | मगध |
विभाग | पटना |
जिल्ला | नालन्दा |
वडा | १९ |
स्थापना | ≈२००० इपू |
संस्थापक | सम्राट बृहद्रथ |
क्षेत्रफल (सन् २०१५)
[A 1] | |
• जम्मा | १११.३९ किमी२ (४३.०१ वर्ग माइल) |
• सहर | ६१.६ किमी२ (२३.८ वर्ग माइल) |
• क्षेत्रीय योजना | ५१७ किमी२ (२०० वर्ग माइल) |
उन्नतांश | ७३ मिटर (२४० फिट) |
जनसङ्ख्या (सन् २०११)[2] | |
• राजगीर (एनपी) | ४१५८७ |
• राजगीर (सिडी क्षेत्र) | ८८५९६ |
समय क्षेत्र | युटिसी+५:३० (भामस) |
हुलाक कोड | ८०३११६ |
टेलिफोन कोड | +९१-६११२ |
सवारी दर्ता | बिआर-२१ |
लिङ्ग अनुपात | १०००/८८९ ♂/♀ |
साक्षरता दर | ५१.८८% |
लोक सभा संविधान | नालन्दा |
विधान सभा संविधान | राजगीर (१७३) |
वेबसाइट | nalanda |
राजगृहको ऐतिहासिक र धार्मिक महत्त्व छ. वसुमतिपुर, वृहद्रथपुर, गिरिब्रज र कुशग्रपुरको नामबाट पनि प्रसिद्ध रहेको राजगृहलाई अचेल राजगीरको नामबाट जानिन्छ. पौराणिक साहित्य अनुसार राजगीर बह्माको पवित्र यज्ञ भूमि, संस्कृति र वैभवको केन्द्र तथा जैन तीर्थालु महावीर र भगवान बुद्धको साधनाभूमि रहेको छ। यसको बारेमा ऋगवेद, अथर्ववेद, तैत्तिरीय पुराण, वायु पुराण, महाभारत, बाल्मीकि रामायण आदिमा छ। जैनग्रन्थ विविध तीर्थकल्प अनुसार राजगीर जरासन्ध, श्रेणिक, बिम्बसार, कनिक आदि प्रसिद्ध शासकहरूको निवास स्थान थियो। जरासन्धले यही ठाँउमा श्रीकृष्णलाई युद्धमा जीतेर मथुराबाट द्वारिका जानेलाई विवश गरी दिएको थियो।