त्रैलंग स्वामी
हिन्दू आध्यात्मिक योगी / From Wikipedia, the free encyclopedia
त्रैलंग स्वामी (जिन्हें तैलंग स्वामी भी कहते हैं) (ज्ञात [nb 1] १५२९ ई. या १६०७[2] -१८८७[2][3]) एक हिन्दू योगी थे, जो अपने आध्यात्मिक शक्तियों के लिये प्रसिद्ध हुए। ये जीवन के उत्तरार्द्ध में वाराणसी में निवास करते थे।[2] इनकी बंगाल में भी बड़ी मान्यता है, जहाँ ये अपनी यौगिक एवं आध्यात्मिक शक्तियों एवं लम्बी आयु के लिये प्रसिद्ध रहे हैं। कुछ ज्ञात तथ्यों के अनुसार त्रैलंग स्वामी की आयु लगभग ३०० वर्ष रही थी,[2][4] जिसमें ये वाराणसी में १७३७-१८८७ तक (लगभग १५० वर्ष) रहे।[3] इन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता है। साथ ही इन्हें वाराणसी के 'सचल विश्वनाथ' (चलते फिरते शिव) की उपाधि भी दी गयी है।[5][6]
सामान्य तथ्य त्रैलंग स्वामी, गुरु/शिक्षक ...
त्रैलंग स्वामी | |
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गुरु/शिक्षक | भगीरथानंद सरस्वती |
खिताब/सम्मान | "वाराणसी के सचल विश्वनाथ" नाम से प्रसिद्ध |
धर्म | हिन्दू |
दर्शन | दशनामी |
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