भारत के राष्ट्रपति
भारत गणराज्य के राज्याध्यक्ष/ राष्ट्राध्यक्ष / From Wikipedia, the free encyclopedia
भारत के राष्ट्रपति, भारत गणराज्य के कार्यपालक अध्यक्ष होते हैं। संघ के सभी कार्यपालक कार्य उनके नाम से किये जाते हैं। अनुच्छेद 53 के अनुसार संघ की कार्यपालक शक्ति उनमें निहित हैं। वह भारतीय सशस्त्र सेनाओं का सर्वोच्च सेनानायक भी हैं। सभी प्रकार के आपातकाल लगाने व हटाने वाला, युद्ध/शान्ति की घोषणा करने वाला होता है। वह देश के प्रथम नागरिक हैं। भारतीय राष्ट्रपति का भारतीय नागरिक होना आवश्यक है।
राष्ट्रपति, भारत गणराज्य | |
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शैली | राष्ट्रपति महोदय (भारत में) His Excellency (भारत के बाहर) The Honourable President of India (कॉमनवेल्थ में) |
प्रकार | राष्ट्रप्रमुख |
आवास | राष्ट्रपति भवन |
नियुक्तिकर्ता | भारत का इलेक्टोरल कॉलेज |
अवधि काल | पाँच वर्ष (पुनर्निर्वाचन योग्य) |
उद्घाटक धारक | राजेन्द्र प्रसाद २६ जनवरी १९५० |
गठन | भारत का संविधान २६ जनवरी १९५० |
उपाधिकारी | भारत के उपराष्ट्रपति |
वेतन | ₹5,00,000 (US$7,300) (प्रति माह) ₹60,00,000 (US$87,600) (वार्षिक)[1] |
वेबसाइट | President of India |
सिद्धान्ततः राष्ट्रपति के पास पर्याप्त शक्ति होती है। पर कुछ अपवादों के अलावा राष्ट्रपति के पद में निहित अधिकांश अधिकार वास्तव में प्रधानमन्त्री की अध्यक्षता वाले मंत्रिपरिषद के द्वारा उपयोग किए जाते हैं।
भारत के राष्ट्रपति नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में रहते हैं, जिसे रायसीना हिल के नाम से भी जाना जाता है। राष्ट्रपति अधिकतम कितनी भी बार पद पर रह सकते हैं इसकी कोई सीमा तय नहीं है। अब तक केवल पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने ही इस पद पर दो बार अपना कार्यकाल पूरा किया है।
प्रतिभा पाटिल भारत की 12वीं तथा इस पद को सुशोभित करने वाली पहली महिला राष्ट्रपति हैं।[2] उन्होंने 25 जुलाई 2007 को पद व गोपनीयता की शपथ ली थी।[3] वर्तमान में द्रौपदी मुर्मू भारत के 15वीं राष्ट्रपति हैं।