विजयनगर साम्राज्य
दक्षिणी भारत में हिंदू साम्राज्य (14वीं-17वीं शताब्दी) / From Wikipedia, the free encyclopedia
विजयनगर साम्राज्य (संस्कृत: विजयनगरसाम्राज्यम् ) (जिसे कर्णट साम्राज्य[1] और पुर्तगालियों द्वारा बिसनेगर साम्राज्य भी कहा जाता था) भारत के डेक्कन(दक्खन) क्षेत्र में स्थित था। यह 1336 में संगमा राजवंश के दो भाई हरिहर राय और बुक्का राय,[2][3][4] द्वारा स्थापित किया गया था।[5][6][7]
विजयनगर साम्राज्य ವಿಜಯನಗರ ಸಾಮ್ರಾಜ್ಯ విజయనగర సామ్రాజ్యము | |||||
साम्राज्य | |||||
| |||||
ध्वज | |||||
राजधानी | विजयनगर | ||||
शासन | राजतन्त्र | ||||
महाराज और सम्राट | |||||
- | 15वीं शताब्दी | सम्राट | |||
सम्राट कृष्णदेवराय | |||||
इतिहास | |||||
- | स्थापित | 1336 | |||
- | अंत | 1646 | |||
Warning: Value specified for "continent" does not comply |
विजयनगर साम्राज्य (1336-1646) मध्यकालीन का एक साम्राज्य था। इसके राजाओं ने 310 वर्ष तक राज किया। इसका वास्तविक नाम कर्नाटक साम्राज्य था। इसकी स्थापना हरिहर और बुक्का राय नामक दो भाइयों ने की थी। पुर्तगाली इस साम्राज्य को बिसनागा राज्य के नाम से जानते थे।
लगभग सवा दो सौ वर्ष के उत्कर्ष के बाद सन 1565 में इस राज्य की भारी पराजय हुई और राजधानी विजयनगर को जला दिया गया। उसके पश्चात क्षीण रूप में यह 70 वर्ष और चला। राजधानी विजयनगर के अवशेष आधुनिक कर्नाटक राज्य में हम्पी शहर के निकट पाये गये हैं और यह एक विश्व विरासत स्थल है। पुरातात्त्विक खोज से इस साम्राज्य की शक्ति तथा धन-सम्पदा का पता चलता है।