तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान
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तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (उर्दू: تحریک طالبان پاکستان, ), (संक्षिप्त रूप से टीटीपी , TTP) या पाकिस्तानी तालिबान भी कहते हैं, पाकिस्तान-अफ़गानिस्तान सीमा के पास स्थित संघीय प्रशासित कबायली क्षेत्र से उभरने वाले चरमपन्थी उग्रवादी गुटों का एक संगठन है। यह अफ़गानिस्तान की तालिबान से अलग है हालाँकि उनकी विचारधाराओं से काफ़ी हद तक सहमत है। इनका ध्येय पाकिस्तान में शरिया पर आधारित एक कट्टरपन्थी इस्लामी अमीरात को क़ायम करना है। इसकी स्थापना दिसम्बर 2007 को हुई जब बेयतुल्लाह महसूद के नेतृत्व में 13 गुटों ने एक तहरीक (अभियान) में शामिल होने का निर्णय लिया।[1] जनवरी 2013 में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने घोषणा करी कि वे भारत में भी शरिया-आधारित अमीरात चाहते हैं और वहाँ से लोकतन्त्र और पन्थनिरपेक्षता खत्म करने के लिए लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वे कश्मीर में सक्रीय होने के प्रयास कर रहे हैं।[2]
16 दिसम्बर 2014 को पेशावर के सैनिक स्कूल पर हमला करके तहरीक-ए-तालिबान के छः आतंकियों ने 126 बच्चों की हत्या कर दी।[उद्धरण चाहिए]