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सलजूक़ साम्राज्य

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सलजूक़ साम्राज्य
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सलजूक़​ साम्राज्य या सेल्जूक साम्राज्य(तुर्की: Büyük Selçuklu Devleti; फ़ारसी: ur, दौलत-ए-सलजूक़ियान​; अंग्रेज़ी: Seljuq Empire) एक मध्यकालीन तुर्की साम्राज्य था जो सन् १०३७ से ११९४ ईसवी तक चला। यह एक बहुत बड़े क्षेत्र पर विस्तृत था जो पूर्व में हिन्दू कुश पर्वतों से पश्चिम में अनातोलिया तक और उत्तर में मध्य एशिया से दक्षिण में फ़ारस की खाड़ी तक फैला हुआ था। सलजूक़ लोग मध्य एशिया के स्तेपी क्षेत्र के तुर्की-भाषी लोगों की ओग़ुज़​ शाखा की क़िनिक़​ उपशाखा से उत्पन्न हुए थे। इनकी मूल मातृभूमि अरल सागर के पास थी जहाँ से इन्होनें पहले ख़ोरासान​, फिर ईरान और फिर अनातोलिया पर क़ब्ज़ा किया। सलजूक़ साम्राज्य की वजह से ईरान, उत्तरी अफ़्ग़ानिस्तान​, कॉकस और अन्य इलाक़ों में तुर्की संस्कृति का प्रभाव बना और एक मिश्रित ईरानी-तुर्की सांस्कृतिक परम्परा जन्मी।[11] Name.pankajsuyal.village-bhadrakot

सामान्य तथ्य
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'बुर्ज तोग़रोल​' ईरान की राजधानी तेहरान के पास तुग़रिल बेग़​ के लिए १२वीं सदी में बना एक स्मारक बुर्ज है
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नाम और उत्पत्ति

सलजूक़ बेग़ (Seljuq Begh) अरल सागर और कैस्पियन सागर के बीच के क्षेत्र में स्थित ओग़ुज़ यबग़ू राज्य (Oghuz Yabgu) में ऊँचे अफ़सर थे और उन्ही के नाम पर आगे साम्राज्य का नाम 'सलजूक़' पड़ा। उन्होंने अपने क़बीले को अलग करके पहले सिर दरिया के किनारे डेरा डाला, जहाँ इस क़बीले ने इस्लाम भी अपनाया। इसके बाद उनके पोते तुग़रिल बेग़ (Tughril) और चग़री बेग़ (Chaghri) ने ख़ोरासान​ में फैलना शुरू किया जहाँ वे लूटपाट करते थे। स्थानीय ग़ज़नवी साम्राज्य ने उन्हें रोकने की कोशिश करी तो २३ मई १०४० में दंदानक़ान के युद्ध (Battle of Dandanqan) में ग़ज़नवीयों की हार हुई। सलजूक़ लोग ख़ोरासान​ के स्वामी हो गए और फिर उन्होंने आमू-पार क्षेत्र और ईरान पर भी क़ब्ज़ा कर लिया। १०५५ तक तुग़रिल बेग़ ने अपना इलाक़ा बग़दाद तक विस्तृत कर लिया था, जहाँ के अब्बासी ख़लीफ़ा ने उन्हनें सुलतान की उपाधि दी, जो आने वाले सभी सलजूक़ शासकों की उपाधि बन गई। हालांकि उस समय ईरान में इस्लाम की शिया शाखा पनप रही थी, सलजूक़ सुन्नी थे और आधुनिक मध्य पूर्व में शियाओं की तुलना में अधिक सुन्नियों के होने का एक बड़ा कारण सलजूक़ों की नीतियाँ थीं।[11]

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अन्य विवरण

सलजूक़ साम्राज्य की राजधानी निशापुर और इस्फहान थी। इनकी राजभाषा फ़ारसी थी जबकी बुद्धिजिवियों द्वारा अधिकतर अरबी भाषा प्रयोग की जाती थी। इसका पहला शासक तुग़रिल प्रथम (१०३७ - १०६३), तथा अंतिम शासक तुग़रिल तृतीय (११७४ - ११९४) था। ११९४ में ख़्वारिज़मी साम्राज्य की स्थापना के साथ ही सलजूक़ साम्रराज्य का अंत हो गया।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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