अहीर
भारतीय उपमहाद्वीप का समुदाय / From Wikipedia, the free encyclopedia
अहीर (संस्कृत आभीर निडर) इंडो-आर्यन मूल का एक हिंदू भारतीय जाति है[2][3][4] जिसके सदस्यों को यादव समुदाय के नाम से भी पहचाना जाता है क्योंकि इन शब्दों को एक दूसरे का पर्यायवाची समझा जाता है। यदुवंशी क्षत्रिय मूलतः अहीर थे।[5] अहीरों का पारम्पिक पेशा गौपालन व कृषि है। वे पूरे भारत में पाए जाते हैं लेकिन विशेष रूप से उत्तरी भारतीय क्षेत्रों में केंद्रित हैं । भारत में अहीरों को कई अन्य नामों से जाना जाता है, जैसे महाराष्ट्र में गवली[6] और उत्तर भारत में घोषी या गोप।[7] गुजरात और दक्षिण भारत में आयर, गौल्ला (ग्वाला) या कोनार (कोणार) आदि नामों से।[8][9] उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में कुछ को दाऊ (दौवा) के नाम से जाना जाता है।[10] हरियाणा में, अहीरों को राव/राव साहब की उपाधि से जाना जाता है।[11][12]
अहीर | |
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वर्ण | चंद्रवंशी/यदुवंशी क्षत्रिय[1] |
धर्म | हिन्दू, वैष्णव धर्म, (भागवत धर्म) |
भाषा | हिंदी, उर्दू, हरियाणवी, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, गुजराती, राजस्थानी, भोजपुरी, मारवाड़ी, कन्नड़, उड़िया, बंगाली, मैथिली, अहीरवाटी, मराठी, कच्छ, सिंधी, |
वासित राज्य | भारत, पाकिस्तान और नेपाल |
उप विभाजन | यदुवंशी, नंदवंशी व ग्वालवंशी |
महाभारत काल के यादव वैष्णववाद के अनुयायी माने जाते थे। जिनके नेता भगवान कृष्ण थे। वे पेशे से गोपालक थे। तथा गोप नाम से प्रसिद्ध थे। लेकिन साथ ही उन्होंने कुरुक्षेत्र की लड़ाई में भाग लेकर अपने क्षत्रिय धर्म का पालन भी किया। वर्तमान अहीर भी वैष्णव मत के अनुयायी हैं।[13]