ढाका
बांग्लादेश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर / From Wikipedia, the free encyclopedia
ढाका (बांग्ला: ঢাকা) बांग्लादेश की राजधानी है। बूढ़ी गंगा नदी के तट पर स्थित यह देश का सबसे बड़ा शहर है। राजधानी होने के अलावा यह बांग्लादेश का औद्यौगिक और प्रशासनिक केन्द्र भी है। यहाँ पर धान, गन्ना और चाय का व्यापार होता है। ढाका की जनसंख्या लगभग 1.1 करोड़ है (२००१ की जनसंख्या: ९,०००,०२)) जो इसे दुनिया के ग्यारहवें सबसे बड़ी जनसंख्या वाले शहर का दर्जा भी दिलाता है। ढाका का अपना इतिहास रहा है और इसे दुनिया में मस्जिदों के शहर के नाम से जाना जाता है।[4][5][6]
ढाका ঢাকা | |
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राजधानी | |
उपनाम: मस्जिदों का शहर, दुनिया की रिक्शों की राजधानी | |
बांग्लादेश में ढाका की अवस्थिति | |
देश | |
प्रशासनिक जिले | ढाका जिला |
Establishment | 1608 CE |
Granted city status | 1947 |
शासन | |
• प्रणाली | नगर पालिका |
• महापौर | सदीक़ होसैन खोका |
क्षेत्र | 304 किमी2 (117 वर्गमील) |
• जल | 48.56 किमी2 (18.75 वर्गमील) |
ऊँचाई[1] | 4 मी (13.12 फीट) |
जनसंख्या (2008)[2] | |
• राजधानी | 70,00,940 |
• घनत्व | 23029 किमी2 (59,640 वर्गमील) |
• महानगर | 1,27,97,394 |
• Demonym[3] | ढाकायी या ढाकाई |
• साक्षरता दर | 62.3% |
समय मण्डल | BST (यूटीसी+6) |
• ग्रीष्मकालीन (दि॰ब॰स॰) | BDST (यूटीसी+7) |
डाक कूट | 1000 |
राष्ट्रीय कॉलिंग कोड | +880 |
वेबसाइट | Official Dhaka Website |
मुगल सल्तनत के दौरान इस शहर को १७ वीं सदी में जहांगीर नगर के नाम से भी जाना जाता था, यह न सिर्फ प्रादेशिक राजधानी हुआ करती थी बल्कि यहाँ पर निर्मित होने वाले मलमल के व्यापार में इस शहर का पूरी दुनिया में दबदबा था। आधुनिक ढाका का निर्माण एवं विकास ब्रिटिश शासन के दौरान उन्नीसवीं शताब्दी में हुआ और जल्द ही यह कोलकाता के बाद पूरे बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा शहर बन गया।
भारत विभाजन के बाद १९४७ में ढाका पूर्वी पाकिस्तान की प्रशासनिक राजधानी बना तथा १९७२ में बांग्लादेश के स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आने पर यह राष्ट्रीय राजधानी घोषित हुआ। आधुनिक ढाका देश की राजनीति, अर्थव्यवस्था, एवं संस्कृति का मुख्य केन्द्र है। ढाका न सिर्फ देश का सबसे साक्षर (६३%) शहर है-[7] - बल्कि बांग्लादेश के शहरों में सबसे ज्यादा विविधता वाला शहर भी है। हालांकि आधुनिक ढाका का शहरी आधारभूत ढांचा देश में सबसे ज्यादा विकसित है परंतु प्रदूषण, यातायात कुव्यवस्था, गरीबी, अपराध जैसी समस्यायें इस शहर के लिए बड़ी चुनौतियां हैं। सारे देश से लोगों का ढाका की ओर पलायन भी सरकार के लिए एक बड़ी समस्या का रूप लेता जा रहा है।