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सो मोरिरी संरक्षित आर्द्रभूमि
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सो मोरिरी अथवा मोरिरी झील (तिब्बती: ལྷ་མོའི་བླ་མཚོ; वायली: lha mo bla mtsho), भारत के केन्द्रशासित प्रदेश लद्दाख में चांगथंग पठार पर स्थित एक प्राकृतिक झील है। यह झील 4,522 मी॰ (14,836 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।
सामान्य तथ्य सो मोरिरी संरक्षित आर्द्रभूमि, स्थान ...
सो मोरिरी संरक्षित आर्द्रभूमि | |
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स्थान | लद्दाख |
निर्देशांक | 32°54′N 78°18′E |
प्रकार | खारे पानी की झील |
मुख्य अन्तर्वाह | गर्मियों में पिघलने वाली बर्फ़ |
मुख्य बहिर्वाह | कोई नहीं |
द्रोणी देश | भारत |
अधिकतम लम्बाई | 19 कि॰मी॰ (12 मील) |
अधिकतम चौड़ाई | 3 कि॰मी॰ (1.9 मील) |
सतही क्षेत्रफल | 12,000 हे॰ (30,000 एकड़) |
अधिकतम गहराई | 105 मी॰ (344 फीट) |
तट लम्बाई1 | Wet meadows and borax loaded wetlands |
सतही ऊँचाई | 4,522 मी॰ (14,836 फीट) |
बस्तियाँ | कोर्योक |
अभिहीत: | 19 अगस्त 2002 |
1 तट लम्बाई का मापन सटीक नहीं होता है |
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यह भारत की अत्यधिक ऊँचाई पर स्थित झीलों में सबसे बड़ी है और अपनी जैवभूगोलिक विशेषताओं के कारण वर्तमान में रामसर स्थल के रूप में संरक्षित क्षेत्र है।[1] झील से पानी का निकास न होने के कारण यह एक खारे पानी की झील है और इसके जलागम का मुख्य स्रोत पहाड़ों पर कि पिघलने वाली बर्फ़ है। कुछ लोग इसे अवशिष्ट झील (remnant lake) भी मानते हैं और इसके खारे जल को पुरा कालीन टीथीज सागर का अवशेष बतलाते हैं[2]
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