चारबाग शैली
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चारबाग (फारसी چهارباغ) फारसी-शैली में बाग का खाका होता है। एक वर्गाकार बाग को चार छोटे भागों में, चार पैदल पथों द्वारा बाँटा जाता है। फारसी में, हिन्दी समान ही चार अर्थात चार, एवं बाग अर्थात बाग होता है। ताजमहल के बाग भी इसी शैली के उत्कृष्टतम उदाहरण हैं। अधिकतर मुगल मकबरों के बाग इसी शैली में बने हैं। इसके हरेक बाग में चार फूलों की बडी़ क्यारियाँ हैं। चारबाग का मूल फारस के एकाएमिनिड साम्राज्य कालीन है। यूनानी इतिहासकार हेरोडॉटस एवं जेनोफोन इसका व्यापक विवरण देते हैं, जो कि सायप्रस की राजसी नगरी, पासारगडे में बने थे।.[1] भारत में शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में ताजमहल बनवाया। यहाँ इस शैली का उपयोग बहुत ही खूब है। अन्य ऐसे उदाहरणों से पृथक, ताजमहल चारबाग के मध्य में ना होकर इसके उत्तरी किनारे पर स्थित है। इस बाग में मोरपंखी के पेड़ लगे हैं। साथ ही फलों के पेड़ भी दिखाई देते हैं।