राज्य सभा
भारतीय संसद का उच्च सदन / From Wikipedia, the free encyclopedia
राज्य सभा भारतीय संसद की ऊपरी प्रतिनिधि सभा है। लोकसभा निचली प्रतिनिधि सभा है। राज्यसभा में २४५ सदस्य होते हैं। जिनमे १२ सदस्य भारत के राष्ट्रपति के द्वारा नामांकित होते हैं। इन्हें 'नामित सदस्य' कहा जाता है। अन्य सदस्यों का चुनाव होता है। राज्यसभा में सदस्य ६ साल के लिए चुने जाते हैं, जिनमे एक-तिहाई सदस्य हर २ साल में सेवा-निवृत होते हैं।
राज्यसभा राज्यों की परिषद | |
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भारत का राजचिह्न | |
प्रकार | |
सदन प्रकार | उच्च सदन काभारत की संसद |
अवधि सीमा | ६ वर्ष |
नेतृत्व | |
सभापति (उपराष्ट्रपति) |
जगदीप धनखड़ ११ अगस्त २०२२[1] से |
उपसभापति |
हरिवंश नारायण सिंह, जद(यू) ९ अगस्त २०१८[2] से |
सदन के नेता |
पीयूष गोयल, भाजपा १४ जुलाई २०२१[3] से |
विपक्ष के नेता |
मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस १६ फरवरी २०२१[4] से |
संरचना | |
सीटें | २४५ (२३३ निर्वाचित + १२ मनोनीत) |
राजनीतिक समूह |
विपक्ष (११७) अन्य (७०)
रिक्त (८)
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चुनाव | |
निर्वाचन प्रणाली | राज्य विधानसभाओं द्वारा एकल संक्रमणीय मत से 233 सदस्य, राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त 12 सदस्य |
पिछला चुनाव | ५ जुलाई २०१९ |
अगला चुनाव | १८ जुलाई २०१९ |
सभा सत्र भवन | |
राज्यसभा चैम्बर, संसद भवन, संसद मार्ग, नई दिल्ली, भारत - ११०००१ | |
वेबसाइट | |
राज्य सभा |
किसी भी संघीय शासन में संघीय विधायिका का ऊपरी भाग संवैधानिक बाध्यता के चलते राज्य हितों की संघीय स्तर पर रक्षा करने वाला बनाया जाता है। इसी सिद्धांत के चलते राज्य सभा का गठन हुआ है। इसी कारण राज्य सभा को सदनों की समानता के रूप में देखा जाता है जिसका गठन ही संसद के द्वितीय सदन के रूप में हुआ है। राज्यसभा का गठन एक पुनरीक्षण सदन के रूप में हुआ है जो लोकसभा द्वारा पास किये गये प्रस्तावों की पुनरीक्षा करे। यह मंत्रिपरिषद में विशेषज्ञों की कमी भी पूरी कर सकती है क्योंकि कम से कम 12 विशेषज्ञ तो इस में मनोनीत होते ही हैं। आपातकाल लगाने वाले सभी प्रस्ताव जो राष्ट्रपति के सामने जाते हैं, राज्य सभा द्वारा भी पास होने चाहिये। जुलाई 2018 से, राज्यसभा सांसद सदन में 22 भारतीय भाषाओं में भाषण कर सकते हैं क्योंकि ऊपरी सदन में सभी 22 भारतीय भाषाओं में एक साथ व्याख्या की सुविधा है।[5] राज्यसभा का पहला सत्र 13 मई 1952 को हुआ था।